यदि हमारे देश में सरकार पोटा कानून फिर से लागू करेगी तो उससे फायदे ही हासिल होंगे। जैसे कि आतंकवादियों, देशद्रोहियों या भ्रष्टाचारियों को कुछ मिनटों में पकड़ा जा सकेगा। यदि हमारी वर्तमान सरकार इसे दुबारा लागू नहीं करती है तो हम देशभक्त नागरिकों का प्रथम कर्त्तव्य यह होना चाहिए कि हम सरकार पर दबाव बनाएं। पोटा कानून के बिना देश में व्याप्त किसी भी बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा प्रधानमंत्री ने बयान दिया है कि आतंकवाद को समाप्त कर देंगे। सवाल है, क्या पोटा जैसे कड़े कानून के बिना आतंकवादी पकड़े जा सकेंगे? कब तक हमारे देश के नेता प्रजा को झूठे आश्र्वासन देकर बहलाते रहेंगे।
सभी जानते हैं कि उग्रवादी तथा आतंकवादियों का कोई मजहब व धर्म नहीं होता, तो फिर हमारी सरकार इन्हें कड़ा दंड देने से घबराती क्यों है? आतंकवादी तो केवल मासूम नागरिकों को जान से मारना जानते हैं। इनके पीछे हमारे जांबाज सैनिक और योद्घा भी मारे जाते हैं। आतंकवादियों को जेलों में रखकर उनकी खूब सेवा करती है हमारी सरकार और साधारण नागरिक कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सरकार से गुजारिश है कि अब तो इनके प्रति कड़ा रुख अपनाए।
– आनन्द गुप्ता (हैदराबाद)
ऐसी राजनीति से बाज आयें नेता
हमारे देश का बहुत बड़ा राज्य है उत्तर प्रदेश। यहॉं का एक राजनीतिक दल है समाजवादी पार्टी जिसके नेता हैं श्री मुलायम सिंह यादव। इनके बाद नंबर आता है श्री अमर सिंह जी का। नाम तो बहुत ऊँचा है लेकिन वे दोमुंहें नेता के रूप में जाने जाते हैं। इनका इतिहास हमेशा विवादित रहा है। ये जनाब अपनी जबान पर से जल्दी नियंत्रण खो देते हैं और उसके बाद क्या कहते हैं, इन्हें भी पता नहीं रहता। अभी हाल ही में इन्होंने शहीद श्री मोहनचंद शर्मा के बारे में अति आपत्तिजनक टिप्पणी की। ये महाशय कभी अलगाववाद के समर्थन में बात करते हैं तो कभी इनमें देशभक्ति जाग जाती है।
अमरसिंह जी! जब शहादत करने वाला उसका हकदार ही नहीं था तो आपने उनके परिवार वालों को दस लाख रुपये का चेक क्यों दिया? आप क्या जानें शहादत? किसी भी शहीद का परिवार आप जैसे नेता की सहायता लेने के बदले मजदूरी करना बेहतर समझेगा। आपसे निवेदन है, कृपया ऐसी टिप्पणी करके देश के करोड़ों जवानों का मनोबल गिराने की नापाक कोशिश न करें।
– अरविन्द शर्मा (हैदराबाद)
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