कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रपए खर्च करेगी।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में कहा ‘‘फैसला किया गया है कि केंद्रीय बजट से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रपए का उपयोग प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए किया जाएगा। इसके अलावा इसमें राज्यों का भी योगदान होगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘इसका उपयोग मनरेगा :महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम: के प्रमुख अंगों की सहायता में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कल यह फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इस काम के लिए 5,300 करोड़ रपए का आवंटन किया गया है।
उम्मीद है कि इस साल के खर्च से अतिरिक्त छह लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा जबकि पांच लख हेक्टेयर इलाके में ड्रिप सिंचाई की सुविधा की जाएगी।
इसके अलावा इसके तहत 1,300 जल-संभरण परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है।
फिलहाल देश में कुल 14.2 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है और इसमें से सिर्फ 45 प्रतिशत कृषि भूमि में ही सिंचायी सुविधाएं हंै।
उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य लक्ष्य खेतों तक सिंचाई की सुविधाओं में निवेश, सिंचाई की सुनिश्चित व्यवस्था के तहत आने वाली खेतीयोग्य भूमि का विस्तार :हर खेत को पानी:, खेती में पानी का दक्षता से इस्तेमाल ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके और जल बचत की अन्य प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर हर बूंद से अधिक फसल प्राप्त करना है।
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