यकीनन आने वाला नया साल उम्मीदों और खुशियों का तोहफा लायेगा। अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाने की इच्छा हर किसी की होती है। हर व्यक्ति कामना करता है कि आने वाला साल उसकी झोली को खुशियों से भर दे।
नववर्ष की पूर्व संध्या पर परिवार के साथ होटल जाकर मौज-मस्ती करना आज भी लोगों के दिलों में आनंद की लहर पैदा कर जाता है। होटल वाले भी अपने ग्राहकों को इस दिन बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करते हैं। आकर्षक पैकेज की घोषणा करके ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है। डिंक और डांस के साथ लोग नये वर्ष का स्वागत करते हैं।
जश्न में डूबे लोग आने वाले खुशगवार भविष्य की कल्पना में डूब जाते हैं। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए इस दिन व्यक्ति कोई न कोई संकल्प लेता है और उसे निभाने का प्रयास करता है। कुछ लोग इस दिन लिये गये अपने संकल्प को पूरे वर्ष निभाते भी हैं और कुछ बीच में ही अपने संकल्प को तोड़ देते हैं।
नववर्ष के उपलक्ष्य में हमें सबसे पहले यह संकल्प लेना चाहिए कि कम से कम इस एक दिन हम दूसरों की खुशियों के लिए कुछ करें। यही नववर्ष का सबसे बड़ा संकल्प होगा।
यहां आप के लिए पेश हैं
सात सुझाव
1-पति को चाहिए कि कम से कम एक दिन पत्नी के साथ घर के काम में हाथ बटाएं। रोमांटिक मूड बनाते हुए यह जताएं कि आज भी उसके जीवन में पत्नी की खास जगह है। इस दिन टी.वी. पर न कोई मैच देखे, न शेयरों के घटते-बढ़ते दामों पर चर्चा करें और न ही अखबार में मुंह गड़ा कर बैठे रहें।
2-पत्नी को चाहिए कि कम से कम एक दिन बिना ताने मारे जितनी बार पति चाय मांगे, उतनी बार हंस कर पेश करती जाएं। पति को उनकी मनपसंद के पकवान बना कर खिलाएं। उनकी पसंद की पोशाक पहनें, उनकी पसंद के स्थान पर घूमने जाएं और उनकी पसंद की फिल्म देखें।
3-कामकाजी महिलाओं को चाहिए कि कम से कम एक दिन बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारें। उनसे स्कूल की गतिविधियों की जानकारी लें।
4-आप बहू हैं तो कम से कम एक दिन सास के साथ बैठ कर उनके पुराने दिनों की घटित घटनाओं को याद करने का आग्रह करें।
5-वाहन चालकों को चाहिए कि कम से कम एक दिन बिना पिये होश में गाड़ी चलाएं ताकि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर कुछ काबू पाया जा सके।
6-मीडिया वालों को चाहिए कि कम से कम एक दिन किसी मसले को बारबार दिखाकर लोगों के सब्र का इम्तिहान न लें।
7-नौजवान कम से कम एक दिन अभिनेत्रियों, मॉडलों एवं खेल जगत से जुड़ी चर्चित हस्तियों के अश्लील एम एम एस तैयार करने का विचार त्याग दें।
इस कम से कम एक दिन के अभियान को चलाने का मकसद सिर्फ यह है कि इस एक दिन के बहाने हम अपनी बुराइयों को जानें और अपनी आगे की जिंदगी में उन्हें दूर कर सकें।
-निधि गोयल
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