‘‘मिसाइल मैन’’ और ‘‘जनता के राष्ट्रपति’’ के रूप में लोकप्रिय हुए पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का आज शाम यहां आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया।
डा कलाम को शाम करीब साढे छह बजे व्याख्यान के दौरान गिरने के बाद नाजुक हालत में बेथनी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया और उसके दो घंटे से अधिक समय बाद उनके निधन की पुष्टि की गयी।
डा. कलाम अक्तूबर में 84 साल के होने वाले थे ।
देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति माने जाने वाले कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला लेकिन राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए उनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी । वह राजनीतिक गलियारों से बाहर के राष्ट्रपति थे ।
कलाम को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर मिलने के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचे मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगम ने बताया कि कलाम ने शाम सात बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। चिकित्सकों की अथाह कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
मुख्य सचिव पीबीओ वारजिरी ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलाम के पार्थिव शरीर को कल गुवाहाटी से नयी दिल्ली ले जाने का इंतजाम करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव एल सी गोयल से जरूरी प्रबंधन करने के वास्ते बातचीत की है ।
खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक एम खारकरांग ने इससे पूर्व बताया था, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति को नाजुक हालत में बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।’’ उन्होंने बताया था कि पूर्व राष्ट्रपति शाम करीब साढ़े छह बजे भारतीय प्रबंधन संस्थान में एक व्याख्यान के दौरान गिर पड़े और उन्हें तुरंत मेघालय की राजधानी में नानग्रिम हिल्स में एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्हें सघन चिकित्सा कक्ष : आईसीयू : में भर्ती किया गया।
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