मनाया म्हारे आवाजो जी, गारी रा लाल गणेश
गौरी रा लाल गणेश, अम्बिया रा लाल गणेश
मनाया आवजो जी, बुलाया म्हारे आवजो जी गौरी रा लाल गणेश ॥ टेर ॥
रणत भुवन थारे बैठनो जी, रिद्धी सिद्धि रा दातार।
माता थारी पार्वती जी, पिता है शम्भू महेश॥
घृत सिंदूर थारे अँग चढे जी गल पुष्पन री माल।
कागद मेलुं कुंकु पत्री जी, म्हारा दुःख दारिद्री मेट॥
राजा सुमिरे बादशाहजी ब्रह्मा, विष्णु, महेश॥
मोदक प्रभु के भोग लगे जी, चढ मूसक् असवार।
गोकूल दास री विनती जी, म्हारो चित्त चरणा रे माँय॥
You must be logged in to post a comment Login