ले हाथ ढाल तलवार और मजबूती हो और मजबूतुँ
धर दे चामून्डा, राजपूतों में रजपूती॥ टेर ॥
मुगलों की फौज मेवाड देश में आई।
गढ घेर लियो चितौड, घडा ज्यूँ छाईं॥ 1 ॥
थे समय देखकर शस्त्र उठावो वीरों
सूरों के संग में, सदा रहो बलवीरो॥ 2 ॥
ये हुआ घोर संग्राम, झडी बाणों की।
बिजली ज्यूँ चमके तेज, खड्ग राणा की ॥ 3 ॥
तुम प्रकट करो फिर से वो शक्ति॥
तुँ धर दे चामून्डा रजपूतों में रजपूती।
वो हल्दी घाटी में, जो तलवार चमकाई।
थी कृपा तुम्हारी जगदम्बा मम्हाई॥ 4 ॥
थे समय देखकर शस्त्र उठावो वीरों।
सुरों के संग में सदा रहो बलवीरो॥ 5 ॥
थे हिन्दवा सुर मेवाडपती महाराणा।
शाही सेना में मचा दिया घमसाना॥ 6 ॥
जब याद हमें महाराणा की आती है।
आँखों से नीर की नदीयाँ बही जाती है॥ 6 ॥
जब मुगल फौज की हार हुई बेहूदी।
धर दे चामून्डा, रजपूतों में रजपूती॥ 7 ॥
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