भादखा में सुग बुग मेलो भरीजे, पीरजी ने नमन करीजे।
भादखा में अड़बुक मेलो भरीजे॥ टेर ॥
जोधपुर सुं गाड़ी फलोदी वेती चाले आगे पालो हालीजै।
हाथी घोड़ी बैलगाड़ीयाँ, मोटराँ में मिनक भरी जे॥ 1 ॥
देश देश रा आवे जातरू, धणियाँ ने निमन करीजे।
लाडू पेडा और मिठाईयाँ, चूरमाँ री जेटाँ धरी जे॥ 2 ॥
आँधाँ तनी थे अँखिया देवो, पाँगला ने पाँव दीरिजे।
कोढ़ काड़ कन्चन कर देवे, बाँझियाँ ने बाला दिरीजे॥ 3 ॥
कह पन्नानाथ मेहर सत्गुरु की, ऐसी मेहर करीजे।
जैसी मेहर करी हरजी पर, वैसी मोपर किजे॥ 4 ॥
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