चार जन्म दुःख पावे, जो दगा करे माँ बाप से॥
चार जन्म दुःख पावे॥ टेर ॥
पहला जन्म में होवे कुत्तो।
पड़यो रहे रास्ता में सुतो॥
टाँग पूँछ से होवे लू लो।
थने कोई एक टुकड़ो डाले॥ 1 ॥
दूजा जन्म में हुवे बन्दर।
रस्सी बाँध ले जावे कलन्दर॥
नचवावे बस्ती के अन्दर॥
थने घर घर भीख मँगवावे॥ 2 ॥
तीजा जन्म में हुवे ड़ान्ड़ो।
तेली के घर खावे ड़न्ड़ो॥
थारे आँख्या पे पाटी बँधाय के।
थने उल्टा फेरा खिलावे॥ 3 ॥
चौथा जन्म में ऊँट हवेला।
पूरब पश्चिम लादयो फिरेला॥
अनतोल्यो थारे वजन धरेला।
सामों शिखर चढ़ाय के॥ 4 ॥
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