जटे फिरे अमजल जी आण
माता मे नादे बिरमदे री आण
थोडी मारी अरज सुनों नी अजमालरा
पहली पाव धरीयों प्रह्लाद
रानी रे रतना लारो रे लार,
खम्ब फोड़ हरी दर्शन दिना
नरसींग रूप धरीयो भगवान॥ टेर ॥
राजा हरीशचन्द्र रानी वारादे
कवर रोहित दास लारो लार
सतड़ा रे काज डोलारे गढ़ तजीया
अन धन लक्ष्मी भरीया भण्डार
पाँचों पाण्डव माता कुन्ता
सती द्रौपदा लारो लार
कृष्ण अर्जुन भेला रमीया
सती यारों चिर बड़ायो रे आय॥ टेर ॥
राजा बली ने गणों सतायो
बाबन रूप धरीयो भगवान
सक्तप लेवन राजा बैटा
तुलसी रो पानों हाथों रे हाथे॥ टेर ॥
असन जुगा रा आधु रचीया
जुगा जुगा रचीया अगवान
चेतन बन बेग रे शरणे
पत बाना री राको लाज॥ टेर ॥
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