ले बीणी रे धणीया ने आरोध्या
रामकँवर जीने धूप केवा
मोय दुर्वल माही बीड़ पड़ी है
कई म्हारा निकंलग ने मलियो
टेर बेगा बेगा आईजो विलम मती जाईजो
मोय दुर्बल म्हारी देख दया
कई थारो हालतो रो हेवड़ थाकीयो
कई आलस कर सोय गया
कई म्हारा देव कलुमाई दरपीया व
कई अमर पूर माल रहया
कई थारी माता मैना दे हच माँदी
कई बिरमदे बिछड़ गया
कई बदमत घर गया पावना
कई डोडया बिल माल रहया
बगसो रे नाम जातरों खाती
ईश्वर नाम उपदेश दिया
कृपा करी कँवर अजमाल रा
प्रसन्न होय पुत्रर दिया
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