बच्चों के दूध के दॉंत आने के उपरांत उनमें से चार वर्षों के भीतर कुछ दॉंत गिर जाते हैं। पहली बार में कुल 20 दॉंत निकला करते हैं। वैसे वयस्क व्यक्ति के दोनों जबड़ों में 32 दॉंत होने चाहिए। प्रत्येक जबड़े में 2 जोड़ी इन्साइजर्स, 2 जोड़ी अग्र दांत, 1 जोड़ी कैनाइन्स तथा 3 जोड़ी दाढ़ की होती है। छोटे बच्चों में अग्र दाढ़ तथा मुँह में अंदर सबसे भीतर वाली दाढ़ें नहीं हुआ करतीं। इसलिए उनके प्रारंभ में 20 दॉंत ही हुआ करते हैं, लेकिन 12 वर्ष की उम्र में उनके दो-दो दाढ़ें आ जाती हैं तथा तीसरी सबसे किनारे वाली दाढ़ 18 वर्ष से 25 वर्ष की आयु में आ जाती है।
इसी आयु में ही मनुष्य को अक्ल दाढ़ भी आती है। तीसरी दाढ़ों को “अकल दाढ़’ अथवा “विसडम टूथ’ कहते हैं। अकल दाढ़ आने से पहले व्यक्ति में 28 दॉंत होते हैं, लेकिन अक्ल दाढ़ के उपरांत ही 32 दॉंत गिने जाते हैं, जो कि उम्र में काफी देर से आती देखी गई हैं। इनके आने से पहले बाकी दॉंत पूरे जबड़े को घेर लेते हैं तथा अकल दाढ़ के लिए जगह ही नहीं बचती, इसलिए कई लोगों में अकल दाढ़ निकलने के दौरान अत्यधिक दबाव के कारण भयंकर दर्द होता है, जिसे कई बार चीरफाड़ (ऑपरेशन) करके निकाल दिया जाता है। कभी-कभी अकल दाढ़ आड़ी-तिरछी निकलने के कारण पास के दांत के लिए परेशानी पैदा कर देती है और दर्द हुआ करता है। कुछ लोगों को आराम से अकल दाढ़ आ जाती है, तो किसी-किसी मामले में मसूड़े में से झॉंकती हुई थोड़ी-सी आती है तथा रुक जाती है, लेकिन बाद में अपना उपयुक्त स्थान ग्रहण कर लेती है।
अकल दाढ़ का “अकल’ से कोई लेना-देना नहीं होता, बल्कि ये दाढ़ें समस्त दॉंतों की कड़ी के ही “दाढ़’ कहलाये जाने वाले दॉंत होते हैं। अपने आप सहजता से न निकल पाने की स्थिति में जब दर्द असहनीय हो जाए तथा तकलीफ बढ़ने लगे तो उस दाढ़ को नीम-हकीमों से बचते हुए किसी कुशल प्रशिक्षित चिकित्सक से सलाह-मश्र्विरा कर निकलवा देने से पीड़ाजनक समस्या से निजात पाई जा सकती है। इस दौरान कुछ दवाइयों का भी सेवन करना पड़ता है। अकल दाढ़ निकल जाने से खाने-पीने में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।
– डॉ. संकल्प अगनानी
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