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By admin on April 5, 2017
भजन
लिखने पखानों विजय सिंह भेज्यो, हरजी भाटी बेगो आव॥ के थारा पीराँ री कला बताव, मोटा मालक थारी करूँ सेवा। आरोधे आवोनी महाराज, जूना धणी थारी करूँला सेवना॥ जै जै॥ झोली झन्डा हरजी लिया है हाथ में, घोड़ो लियो गोदीयाँ रे। एक दोय बास मारग माँहि बसीया, ती जोड़ो जो धाणे रे पास॥ हरजी भाटी […]
By admin on April 5, 2017
भजन
रामो रामो पीपर पिछम रा राजा। गढ़ रूणेचाँ में, बाज रहया बाजा॥ म्हारो हेलो साम्भल, म्हारी अरजी साम्भल हो हो ए। हेलो म्हारो साम्भोल रूणेचा रा राजा। दादा रणसींह जी रा पोता, अजमाल जी रा लाल। माता मेणादे लाल, रानी नेतल रा भरतार म्हारो हेलो साम लो॥ टेर ॥ बाँध ले रे ताँती बाणीया, राखजे […]
By admin on April 5, 2017
भजन
खम्मां खम्मां ओ धणियाँ रुणेचा रा धणिया। थानें तो ध्यावे आखो मारवाड़ हो आखो गुजरात अजमाल जी रा कँवरा॥ टेर ॥ लोगां सुं सुन बाँझड़ा दुःखी हुया अजमाल। कुद पड़या जल द्वारका, पहँच्या है ठेट पताल॥ भादखा री दूज रा जद चँदो करे प्रकाश। रामदेव बन आवसुं, राखीजे म्हारो विश्वास॥ धरा रे पिछम सुं म्हारा, […]
By admin on April 5, 2017
भजन
आव आव अजमल जी रो लाला, थानें भगत बुलावे। हों बाबा थाने बानीयो, बुलावे रे, बाबा बेगो आवे॥ आप कहयो दज देश छोड़, परदेश कमावन आयोजी। बिच भँवर में डोले मेरी नैया, गोता खावे जी॥ 1 ॥ चाराँ कानी समुंदरी यो बाबा, म्हारे कोई नाहीं रे। जहाजड़ली म्हारी डुबन लागी, जीव घबरावे रे॥ 2 ॥ […]
By admin on April 5, 2017
भजन
भादखा में सुग बुग मेलो भरीजे, पीरजी ने नमन करीजे। भादखा में अड़बुक मेलो भरीजे॥ टेर ॥ जोधपुर सुं गाड़ी फलोदी वेती चाले आगे पालो हालीजै। हाथी घोड़ी बैलगाड़ीयाँ, मोटराँ में मिनक भरी जे॥ 1 ॥ देश देश रा आवे जातरू, धणियाँ ने निमन करीजे। लाडू पेडा और मिठाईयाँ, चूरमाँ री जेटाँ धरी जे॥ 2 […]
By admin on April 5, 2017
भजन
हाथी में हाथी बन बैठो, किडी में हर दरशे तुं। मन मस्तान आवे मस्ती में, महावत् बनकर आयो। ऐसो खेल रचायो म्हारा दाता, आवत करनी कर गयो। ऐसी भुल जगत मांहि डाली, जहाँ देखूँ वहाँ तुं ही तुं। राजा में राजा बन बैठो, भिखारी में मँगतो तूं। चोरी में तो बन्यो चोरटो, खोज करन ने […]
By admin on April 5, 2017
भजन
धीन माता धीन धरती, थने कदे न देखी फिरती। आदि भवानी माँ धरती, तुं बड़ा बड़ा ने चरती॥ टेर ॥ धरती रा धनिआपा राखता, नहीं है वारे हाथा रे। कुम्भकरन रावण बली दोझा, गया धड़िंधा खाता॥ 1 ॥ भीमा जैसा महाबली जोधा, नित आवे वे कुश्ती। जाय हिमालय हाड़ गालीयों, नहीं आवे सोमत्ति॥ 2 ॥ […]
By admin on April 5, 2017
भजन
थे ही म्हारे मायर रामा, थे ही म्हारा बाप। आप रे रिससायाँ म्हारे, काँई होला हाल॥ कलश माँहि कला, नेजा रे माहिनूर। देवरा में उबो बाबो, हाजरे हुजूर॥ वारी वारी ओ पीरजी, म्हारा रामा पीरजी, म्हारा साँचा देवजी॥ मेले मसुरियो, बाली नाथ रो थान। जातरु आवे बाबा रे, खाविन्दा अन्त ना पार॥ 1 ॥ राम […]
By admin on April 5, 2017
भजन
बगसोजी खाती घड़े तन्दूरा, बाज रहया धणी चोतारा। पाट थरपने कलश पूरियों, भजन करां मालक थारां॥ उबार ले धणी उबार ले, लाजे बिरद सरब थारा हो जै॥ टेर ।। केवे खातन सुन म्हारा खाती, तुं खाती खाविंद म्हारा। भरी सभा में बालूडो पोढयो, कठे गया मालक थारा॥ 1 ॥ केवे खाती सुन म्हारी खातन, तुं […]
By admin on April 5, 2017
भजन
सुनजो हेलो बाबा साम्भोल, आ थारे ताँई करी पुकार। म्हारे अन्न धन लेगा चांरड़ा, और दियो पति ने मार हो बाबा। दियो पति ने मार॥ टेर ॥ मैं तो सुनी थारे जोतड़ली में काँगन कड़ा फिरे। थाने याद कियो वे सेठजी, ज्याँरी डूबी जहाज तीरे॥ पैदल आवे जातरु, ज्यारां दुःखड़ा रे थे ही आधार॥ 1 […]