एक दिन वो भोले भन्डारी, बनकर के बृज नारि। गोकुल में आ गए हो गोकुल में आ गए। पार्वतीजी मना के हारी, ना मानें त्रिपुरारी। हो गोकुल में, आ गए॥ टेर ॥ पार्वती से बोले, मैं भी चलूँगा तेरे साथ में। राधा संग श्याम नाचे, मैं भी नाचूँगा तेरे साथ में। रास रचेगा बृज मे […]
मन चिन्तन होने नहीं, प्रभु चिन्त्या तत्काल। बली चाहयो, आकाश ने भेज दियो पाताल॥ ब्राह्मण बन गये कृष्ण मुरार पधारे बली राजा के द्वार। पधारे बली राजा के द्वार, पधारे राजा बली के द्वार॥ हो पधारे बली राजा के द्वार॥ टेर ॥ बन्या है बावन अँगूल भगवान। विप्र ने देख, छूप्यो है भांन॥ लगायो माला […]
मोर ध्वज सा राजा जगत में, हुआ ना दुनियाँ माँहिं। अपने सुत को चीरन लाग्यों, सिंह की भोजन ताँहि॥ टेर ॥ साधु का सा भेष बनायो, अर्जुन और बनवारी। लम्बी लम्बी जटा बढायी, भस्मीं रमायी सारी॥ आसन दिनों डाल द्वार पर धूनि देई है रमाई॥ 1 ॥ बोले राजा सुनो मुनिश्वर अरज करूँ मैं देवा। […]
बार-बार जब कहे ब्राह्मणी, हुवे सूदामा तैयार। चावल की पोटली ले, पहुँचे है- मोहन के द्वार॥ टेर ॥ पहुँच्यो द्वारका जाय, कन्हैयो कहाँ बसे। देख बावरो लोग नगर का सभी हँसे॥ इतने में एक मिल्यो दयालू, दिनो महल बताय.। 1 ॥ द्वारपाल जा कहयो, आदमी एक आयो। फाटा कपडा नाम सूदामा बतलायो॥ इतनी सुनकर नंगे […]
थारे हिरदाँ में बसे दीनानाथ, मंदिर में काँई ढूँढ तो फिरे। मुरत बनाई मंदिर में मेली, आ काँई मुँह से बोले राम। दरवाजे दरबान खडो रे, बिना रे हुक्म नहीं खोले॥ 1 ॥ गगन मण्डल से गँगा उतरी, पाँचों कपडा धो ले राम। बिन साबुन थारो मैल कटे लो, नहाय धोय कर होवे॥ 2 ॥ […]
मैं ग्वालो रखवालो मैय्या, माखन नाहीं चुरायो। माखन नाही चुराये॥ टेर ॥ कौन कमि माखन की अपने, जो मैं पर घर जाऊँ। राम में तेरे चाहूँ जितनो, खाऊँ और खिलाऊँ॥ वो मुर्ख अज्ञानी जिसने, मुझको चोर बतायो॥ 1 ॥ बृज को माखन मेरो माखन, नाहीं ये बरजोरी। है अधिकार जन्म को मेरो, कौन कहे ये […]
जीना तेरी गली में, मरना तेरी गली में॥ मरना तेरी गली में आये है तेरे दर पे, हम जीन्दगी लुटाने। तुं देखे या ना देखे, तुं जानें या ना जानें॥ पूरा करेंगे वादा, मर कर तेरी गली में॥ 1 ॥ दिल से तेरी मुहब्बत में एक उम्र कम न होगी। हम तुझपे मर मिटेंगे, तुझको […]
जन्म लियो जाने मरनों पडसी मौत नगाडो सिर कूटेरे। लाख उपाय करो म्हारा भाी, भजन बिना नहीं छूटे रे॥ टेर ॥ यम राजा को आवेरे झूलेरो, प्राण पलक में छूटे रे। हिचकी ऊपर हिचकी आवे, नाडियाँ तडातड टूटे रे॥ 1 ॥ भाई बन्धु कुटुम्ब कबीलो, राम रूठया सब रूठे रे। एक पलक में प्राण जावसी, […]