कार्तिक सुदी एकम के दिन सुबह जल्दी उठकर घर में झाडू लगाकर कचरे को डगरे में डालते हैं, वो कचरा सासुजी बाहर डालकर आती हैं, बेलन से डगरा बजाती हैं, घर के आगे बन्दरवार (आसोपालव के पत्ते, फुल की) बान्धते हैं, न्हा धोकर अच्छे कपडे पहन कर मन्दिर जाकर आते हैं, गायकागोबर लेकर आते हैं,जो […]
दी – दीपों की लडियां है पा- पावन फुल झडियां है व – वन्दना लक्ष्मी की ली – लीला लीलाधर की। कार्तिक वदी अमावश्या के दिन दीपावली का त्यौहार होता है। दीपावली भारती राष्ट्र जीवन का प्रमुख त्यौहार है, यह धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, यह सौभाग्यप्रजा का प्रकाश पर्व है, दीप पर्व है, यह […]
कार्तिक वदी चवदस को रूप चौदस होतीहै। सुबह जल्दी उठकरपीठी बनाते हैं, आटे में घी, हलदी डालकर पानी सेगीला करके शरीर पर लगाते हैं फिर न्हाते हैं। अच्छे कपडे पहन कर मन्दिर जाते हैं। शाम को पितल की थाली में ग्यारह दिये करते हैं। बीच के दिये के नीचे चावल रखते है, एक दिया पितरजी […]
धन तेरस कार्तिक वदी 13 को आती है । इस दिन सुबह जल्दी उठकर माता धोकर न्हाते हैं, कोरे कपडे पहनते है, मन्दिर जाकर आते हैं, अच्छी रसोई बनाते हैं । धन तेरस कैसे मनाते है धन तेरस की शाम एक दीपक में मूंग के कुछ दाने , कुछ फूले , एक छोटी कील और […]
क – कर के सुहाग का प्रण। र – रच मेंहदी रंग नव। वा – बालाएँ व्रत रखकर। चौ – चौकी पर अर्चाधर थ – थहराती हैं सूरज यह है सौभाग्य सहज॥ ये हिन्दू संस्कृति ही है, जहाँ कि स्त्रियों का पतिव्रत धर्म पालन विश्व के सामने एक मिशाल है, करवा चोथ के दिन हर […]
आसोज सुदी पुर्णिमा को हम शरद पुर्णिमा मनाते हैं, रात को मतिरा व खीर चन्द्रमा जी के आगे रखते हैं रात को 12 बजे भोग लगाकर प्रसाद लेते है, चन्द्रमा जी के प्रकाश में सुई पिरोने से आँखों की ज्योति बढती हैं हम वो भी करते हैं। शरद पुर्णिमा की कहानी एक साहुकार क दो […]
द – दरा दिशा विजय पाकर श – शर से जीता संग ह – हनुमान लक्ष्मण संग रा – राम आए जीतकर जंग आसोज सुदी दसम के दिन हम दशहरा का त्यौहार मनाते हैं, आज के दिन प्रभु श्री राम ने रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी, इसी खुशी में हम यह त्यौहार मनाते […]
आसोज सुदी 1 को नवरात्री शुरु होती हैं, बहुत जन माताजी की स्थापना करते हैं हम वो नहीं करते हैं आसोज सुदी सातम को बहुचारजी मन्दिर नियम से जाते हैं। यहाँ पर नवरात्रि में गरबो का विशेष उत्सव होता है।शारदीय नौ राते दुर्गा देवीकी अर्चना-पूजा, युवा दिलों की उमंग से थिरकते पांव एक अनूठा आनन्द […]
आसोज बदी एकम से आसोज की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष रहता है जिनके यहाँ पुनम का श्राद्ध होता है वो भादवा सुदी पुर्णिमा को ही होता है। अपने मायतो की तिथि जिस दिन की होती है उसी तिथि को उनका श्राद्ध होता है श्राद्ध पक्ष में जिस दिन अपने मायतो का श्राद्ध होता है उस […]
भादवा सुदी चवदस या चोथ से चवदस के बीच के दिन गाज का उद्यापन करते है। यह उद्यापन लडका होने के बाद करते है भादवा सुदी में अच्छा बार देखकर इस उद्यापन को करते है इसउद्यापन में 6 औरते+ 1 ब्राह्मणी को खाना खिलाते है एक जल के लोटे पर साखिया करते है सात दाने […]