(19वीं शताब्दी के प्रसिद्घ क्रोंच कहानीकार मोपासां की कहानी “द चेयरमेंडर’ का स्वच्छंद अनुवाद) प्रेम की परिभाषा कई लोगों ने कई प्रकार से की है और अपनी-अपनी परिभाषा के समर्थन में विद्वानों के उद्घरण देकर प्रमाणित करने का प्रयास किया है। मार्क्स के घर पर प्रीतिभोज के बाद प्रेम पर चर्चा शुरू हुई। इस चर्चा […]
दिल्ली के आईआईटी नोट के महरौली रोड पर भीड़भाड़ वाले इलाके अधचीनी में एक दरगाह है “माई साहिबा’। 700 साल पुरानी यह दरगाह वालिदा हजरत निजामुद्दीन की दरगाह है। प्रत्येक बुधवार को यहॉं श्रद्घालुओं का तांता लगा रहता है। माई साहिबा की दरगाह पर हर बुधवार सायं 7.30 बजे मगरीब की नमाज के बाद दुआ […]
“”क्या कहा बहू, चैक अप? अब तुम पता लगाओगी तुम्हारी कोख में लड़का है या लड़की?” जानकी गरज कर बोलीं। “”लेकिन, वो तो बुआ जी… ” पहली बार सास का गुस्सा देखकर रमा हड़बड़ा-सी गयी। “”बस अब जाओ अपने कमरे में, बहस मत करो।” जानकी के मन में दबी हुई चिंगारी आज बरसों बाद भी […]
आदिब्रह्मा नारायण श्री कृष्ण ने अपने मुखारविन्द से वास्तु शास्त्र में भूखण्ड, बंगला, कोठी आदि में उत्तर-पश्र्चिम की जहॉं संधि होती है, उस कोण को “वायव्य कोण’ कहा है। वायव्य कोण की जानकारी देते हुए बताया गया है कि इसके अधिपति वायुदेव और ग्रह चंद्र है। इनका प्रभाव उस कक्ष में रहने वाले को अतिशीघ्र […]
क्या आप खुश हैं? यह एक टेढ़ा सवाल है। हर किसी के खुश होने के पैमाने अलग होते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आज के इंटरनेट युग में भी जब खुशी के खिलाफ चौतरफा मोर्चे खुले हुए हैं तब भी खुश होना संभव है। लेकिन इसमें एक पेंच है- अगर आप खुश होना […]
महामति प्राणनाथ ने ब्रह्मात्माओं को श्रीमद्भागवत का सारांश समझाया है। इसके सार को समझने पर माया के प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी। उनके अनुसार माया का प्रभाव बड़ा प्रबल होता है। इसीलिए अक्षरातीत परमात्मा ने हमें इसमें आने से रोका था। अक्षरातीत परमात्मा और ब्रह्मात्माओं के नित्य-विहार से रासलीला का उदय हुआ और वह लीला […]
मॉं के ऑपरेशन के कारण विवाहिता बेटी नेहा कई दिनों से अस्पताल में साथ रह रही थी। “”बेटी कल राखी है, शायद तेरा भाई राजन तुझसे राखी बंधवाने आ जाये, तू घर जाकर तैयारी कर ले।” मॉं ने शिथिल स्वर में कहा। “”कैसी तैयारी मॉं, जो भाई अपने घर-संसार में ऐसा रमा कि अपनी जन्मदायिनी […]
टेन ने स्टेशन से रफ्तार पकड़ी ही थी कि द्वितीय श्रेणी के आरक्षित डिब्बे में एक किशोर बड़ी कठिनाई के साथ घसीटता हुआ कहीं से आया और दीनता से यात्रियों के आगे हाथ फैला दिये। उसकी हालत देखकर कई यात्रियों का दिल पसीज गया और उन्होंने दो-पॉंच रुपये उसकी हथेली पर रख दिये। “भूखा होगा […]
उसे मेरे आने की सूचना पहले ही मिल चुकी थी। मैंने आते ही नंदू को फोन कर दिया था। नंदू के भाई ने बताया कि नरैण का को टेंटवाले के वहॉं से बर्तन ले जाने हैं। वह बर्तनों को गिनकर पैक कर आया था। उसने बताया कि नंदू ने मुझसे जल्दी आने के लिए कहा […]
कुल्लू, लाहौल, स्पीति, किन्नौर और मंडी कांगड़ा के कुछ भागों में एक ऐसा त्योहार मनाया जाता है, जो फागली के नाम से जाना जाता है। कहीं फागली, कहीं फागड़ी तो कहीं फाग जाच के नाम से जाना जाने वाले इस त्योहार के पीछे भी यही भाव काम कर रहा है। फागली त्योहार एक ही समय […]