आज के युग में पुरुष भी अपने व्यक्तित्व के प्रति उतने ही सचेत हैं, जितनी कि पढ़ी-लिखी युवतियां। पुराने समय में पुरुषों के व्यक्तित्व में कद-काठी, खानदान, कामकाज और शिक्षा को ही आवश्यक माना जाता था, परन्तु अब व्यक्तित्व के मानदंड बदल चुके हैं। व्यक्तित्व संवारने में बहुत से ढंग भी ढूंढे जा चुके हैं। […]
सिंडेला ने जब कांच के स्लिपर्स पहने थे तो परी-कथा में रोमांस शुरू हो गया था। लेकिन हकीकत यह है कि फैंसी फुटवियर पहनने से आपको अनेक किस्म की परेशानियां हो सकती हैं। अपने सुंदर पॉंव को जब आप बहुत ही गैर-आरामदायक फुटवियर में डालती हैं तो जबरदस्त दर्द के अलावा यह खतरा भी बढ़ […]
मंडा-पर्व या बनस मेला झारखंड की संस्कृति व सभ्यता का प्रतीक है। यह पर्व झारखंड में प्राचीनकाल से मनाया जाता है। यह पर्व आरंभकाल में असुर जनजातियों द्वारा मनाया जाता था। असुर जनजाति शिव-भक्त थी। डॉ. ए.सी. राय की पुस्तक “मुंडाज एंड काउंटी’ में भी झारखंड की पहली जनजाति असुर का भी उल्लेख है। मंडा […]
प्राचीन काल में वेद-वेत्ताओं में श्रेष्ठ कण्डू नामक मुनीश्र्वर थे। जब वह गोमती नदी के परम रमणीक तट पर घोर तप कर रहे थे, तब उनके तपोबल के कारण तीनों लोक जलने लगे। परिणाम स्वरूप इन्द्र को अपना सिंहासन हिलता-डुलता नजर आया। तब इन्द्र ने उनके तप को भ्रष्ट करने का निश्र्चय किया, जिसके लिए […]
मानवीय मन-मस्तिष्क को शरीर का संचालन और नियमनकर्त्ता माना जाता है। मनःशास्त्री इसे शरीर का स्वामी मानते हैं, किंतु भारतीय तत्त्व-दर्शन मन को शरीर का संचालन करने के लिए आत्मा द्वारा नियुक्त एक कर्मचारी मात्र मानता है। उसकी सुसंस्कारिता, सुगढ़ता, पवित्रता-प्रखरता न केवल मनुष्य के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य, वरन आत्मोत्कर्ष का भी आधार बनती है। पारिवारिक, […]
इतना सब कुछ सहन करने के उपरांत भी निशा पिछले तीन साल से एक ऐसे व्यक्ति के ऑफिस में बड़े ही धैर्य एवं शालीनता से अपना कार्य करती रही है, जिसके पिता ने उसके पिता का जीवन तबाह कर दिया। वह निशा के बारे में जितना अधिक सोचता, उसकी परेशानी बढ़ती ही जा रही थी। […]
बढ़ती महंगाई ने इकनॉमी कुकिंग के लिए लोगों को मजबूर कर दिया है। अगर आप अब तक इसका हिस्सा नहीं बने हैं, तो फौरन बन जाइये। इसलिए अगली बार जब आप सब्जियों व फलों के छिलकों को कूड़ेदान में फेंकने जाएं, तो एक बार फिर सोच लीजिए। उनसे खाना बनाने के दिलचस्प प्रयोग किए जा […]
खाना हम पेट भरने के लिए खाते हैं, लेकिन हमेशा सिर्फ पेट के लिए ही नहीं खाना चाहिए। कभी कुछ आत्मा के लिए भी खाना चाहिए। अपनी रसोई में ऐसा मेन्यू बनायें, जो पेट के साथ-साथ आत्मा का भी भोजन हो। मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि खाने में सिर्फ पेट भरना जरूरी नहीं होता। पेट […]
डायबिटीज से डिप्रेशन हो सकता है और डिप्रेशन से डायबिटीज। इसलिए जो लोग डिप्रेशन का शिकार हैं, उन्हें अन्य लोगों की तुलना में डायबिटीज का खतरा अधिक है। लेकिन डायबिटीज का अर्थ यह नहीं है कि आप अपने आपको बिन स्वाद व नीरस फूड्स तक सीमित रखें। अब आप इस तरह जायकेदार फूड्स तैयार करके […]
पाकिस्तान वर्चस्ववादी सत्ता-केन्द्रों की टकराहट का अखाड़ा बनता जा रहा है। ये टकराहटें पाकिस्तान की राजनीति को किस मुकाम तक ले जायेंगी, अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इतना तो तय है कि सत्ता-शीर्ष पर उभरने वाला यह संघर्ष उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही सिद्घ होगा। सत्ता के केन्द्र के एक खाने […]