सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो ?

सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो ?

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि अगर सब दफ्तरों और फैक्टरियों में चाय-काफी और ठंडे के साथ दारू भी मिलने लगे तो काम करने का मजा ही अलग होगा। अगर सच में कभी ऐसा हो गया तो जरा सोच कर देखें कि नजारा कैसा होगा? – दारू पीकर लोग अक्सर सच्ची बात बोलेंगे। […]

भूमंडलीकरण, विशेष क्षेत्र, विशेष कॅरिअर

भूमंडलीकरण, विशेष क्षेत्र, विशेष कॅरिअर

आजकल लोगों की बातचीत में अखबारों, पत्रिकाओं में छपे महत्वपूर्ण लोगों के लेखों में अक्सर यह जुमला दोहराया जाता है कि यह भूमंडलीकरण का दौर है यानी ग्लोबलाइजेशन का दौर है। इसलिए हर संदर्भ को अंतर्राष्टीय ऩजरिए से देखने की आदत डालनी चाहिए। यह सही होते हुए भी अधूरी बात है। दरअसल, भूमंडलीकरण की शुरुआत […]

पाकिस्तान की ओर से जरदारी के बयान पर लीपापोती

आ़िखरकार वही हुआ जिसकी आशंका “डेली हिन्दी मिलाप’ ने अपने कल के संपादकीय में व्यक्त की थी। “वाल स्टीट जर्नल’ को दिया गया साक्षात्कार, जिसमें पाकिस्तान के राष्टपति आसिफ अली जरदारी ने कश्मीर के उग्रवादियों को “आतंकवादी’ बताया था और कहा था कि पाकिस्तान को भारत की ओर से कोई खतरा नहीं है, पाकिस्तान की […]

ओछी राजनीति का परिणाम है सिंगूर से नैनो परियोजना का जान

टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने पश्र्चिम बंगाल से बहुचर्चित नैनो कार परियोजना को हटाए जाने का दुखद फैसला आखिरकार ले ही लिया। हालांकि रतन टाटा के इस निर्णय का आभास उसी समय होने लगा था जबकि इस संयंत्र में उत्पादन कार्य एक माह पूर्व ही ठप्प हो गया था। इतना ही नहीं बल्कि […]

आइटम नम्बर देखा क्या?

आजकल फिल्मों में आइटम सांग की महत्ता बढ़ती जा रही है। यहॉं तक कि कई स्थापित अभिनेत्रियां भी आइटम सांग कर रही हैं। यह जरूरी भी हो गया है क्योंकि उनके पास अब नया दिखाने को कुछ बचा नहीं है, सो अपने को दर्शकों की नजरों में बनाये रखने के लिये आइटम नम्बर करना उनकी […]

चैनल वॉच

चैनल वाले क्या दिखा दें और कब उसे वापस हटा लें, इसका अक्सर सरकार को पता ही नहीं चल पाता। इतने चैनल हो गए हैं कि सब पर एक साथ नजर रख पाना भी मुश्किल है। चुनाव का मौसम आ रहा है, लिहाजा यूपी सरकार का सूचना विभाग कुछ नई तैयारियों में जुटा है। एक […]

शांति व सौहार्द की जीत

“कश्मीर में हिन्दू या मुस्लिम का प्रश्न नहीं है। हम इस किस्म की भाषा इस्तेमाल नहीं करते।’ यह बात 1948 में शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने कही थी, लेकिन 2008 में आठ सप्ताह के भीतर ही श्राइन भूमि विवाद ने जम्मू कश्मीर को नफरत से भर दिया। अब देखना यह है कि क्या बीती 31 अगस्त […]

महिला सशक्तिकरण ऐसे भी

इंडियन बैंक स्टाफ टेनिंग सेन्टर तिरुवन्तपुरम् के प्रशिक्षण प्रबंधक श्री पी. के. विश्र्वनाथन् ने हाल ही में स्त्री-सशक्तिकरण से संबंधित अपने शोध पर पी.एच.डी. की उपाधि पाई है। उन्होंने मेरे साथ हुए वार्तालाप में स्त्री सशक्तिकरण के कुछ रोमांचकारी उदाहरण बताए जो इस बात के द्योतक हैं कि अल्पशिक्षित एवं अशिक्षित स्त्रियां भी स्वयं सहायक […]

जीवन गीता

कैकय देश के राजा सहस्त्रचित्य प्रजा के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहते थे। विद्वानों और संतों के सत्संग के कारण उन्होंने अपना जीवन धर्मानुसार बिताने का संकल्प लिया था। एक संत ने उन्हें बताया था कि धर्मशास्त्रों के मुताबिक, विद्वान ब्राह्मणों एवं शिक्षकों के माध्यम से ही देश की प्रजा अच्छे संस्कार प्राप्त करती […]

दुम टेढ़ी की टेढ़ी

एक टी.वी. चैनल के साथ अपने साक्षात्कार में अमेरिका के राष्टपति पद के डेमोटिक उम्मीदवार बराक ओबामा ने कहा है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को जो अमेरिकी सहायता मुहैया कराई गई उसका इस्तेमाल उसने भारत के खिलाफ युद्घ की तैयारी के लिए किया है। उन्होंने अपने इसी साक्षात्कार में यह भी कहा […]