विनम्र प्रधानमंत्री जी ने विनम्रतापूर्वक महंगाई पर चिन्ता व्यक्त की। वित्त-मंत्री जी ने भी महंगाई पर चिन्तन किया। मुख्यमंत्री जी ने भी महंगाई पर चिन्ता की। इस स्थिति में मेरा भी पुनीत कर्तव्य है कि मैं भी महंगाई पर चिन्ता करूं, चिन्तन करूं, मनन करूं। तो हुजूर पाठकान, मैं आपके चिन्तन को भी आमंत्रित करता […]
किसी फिल्मी गाने का यह अंश शायद आपके मन में कभी-कभी प्रतिध्वनित होता रहा होगा – दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा… जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा… एक कविता में इसी सबको कुछ दूसरे ढंग से व्यक्त किया गया है – विहंसते मुर्झाने का फूल… श्रीमद्भगवद् गीता उद्घोषित करती […]
मुंबई की सड़कों पर तोड़-फोड़ करने वालों, गुजरात के साम्प्रदायिक दंगों में निरीह लोगों पर हथियार उठाने वालों, उड़ीसा में धर्मांतरण के नाम पर अत्याचार करने वालों और धर्म के नाम पर जेहाद का नारा लगाने वाले आतंकवादियों में क्या समानता है? इस सवाल का एक जवाब यह है कि उनमें से अधिसंख्य युवा हैं […]
आर्थिक उथल-पुथल की तुलना यदि हम ऐसे गुब्बारे से करें जिसमें क्षमता से अधिक हवा भरी जा रही हो और परिणामस्वरूप वह फूट जाये तो स्थिति आसानी से स्पष्ट हो सकती है। जिस प्रकार से मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने यहॉं अंधाधुन्ध भर्ती की थी और भारी-भरकम पैकेज अपने कर्मचारियों को दिये थे, उससे ऐसा लग […]
गाय को हमारे शास्त्रों में पूजनीय बताया गया है। पुरातन समय में गाय ही हमारी व्यावसायिक धुरी रही है। गौ-उत्पादों की महिमा आज फिर से अधिक उपयोगी सिद्घ हो रही है। जिन तथ्यों को हमने बढ़ते हुए वाणिज्यिकरण के युग में भुला दिया था, वे सब अब पुनः विज्ञान की कसौटी पर भी महत्वपूर्ण साबित […]
एक इराकी पत्रकार ने इराक में हो रहे प्रेस कानेंस के दौरान अपने पैरों से जूते निकालकर एक के बाद एक बुश पर दे मारा। बुश को कोई जूता तो नहीं लग सका क्योंकि बुश साहब झुक गए थे। परंतु यहॉं तक नौबत कैसे आन पहुँची, यह सोचने वाली बात है। दुनिया में अमेरिका सबसे […]
बीतने को तो सन् 2008 जैसे-तैसे बीत गया और सन् 2009 का कारवाने-सफर शुरू भी हो चुका है। “बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय’ की कहावत के तहत हम 2009 का तहे-दिल से इस्तकबाल करने को भी तैयार बैठे हैं। लेकिन सच यह भी है कि मानस-पटल पर खींची गई कुछ खरोचों की […]
भारत की अनेक विशेषताएं हैं। हम लोग इस दिव्य परम्परा के वारिस हैं, जिस परम्परा ने अनादिकाल से हम लोगों को ज्ञान-विज्ञान का अपूर्व भंडार दिया है। अनेक स्थानों पर ऐसा कहा गया, ऐसा सोचा गया है कि मनुष्य उतांत होता गया है। पूरे संसार का वाङ्मय देखने पर और हमारे वेद-वेदान्त के वाङ्मय को […]
पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ अशांति तो अर्से से चल रही है लेकिन पिछले दिनों, विशेषकर 30 अक्तूबर को असम में कई जगह जो शोले भड़के, उससे यह ़जरूरी हो गया है कि उस चिंगारी की तलाश की जाए जो समय-समय पर प्रचण्ड ज्वाला बनकर उभरती रही है। कभी पूर्वी पाकिस्तान की सीमा पर स्थित यह […]
राजस्थान विधानसभा में प्रवेश करने के लिए 2,194 उम्मीदवार अपनी किस्मत आ़जमा रहे हैं। इनमें से 10 प्रतिशत पर चोरी से लेकर हत्या तक के आरोप हैं। 18 प्रतिशत कांग्रेस प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास है और 11 प्रतिशत भाजपा प्रत्याशी भी हिस्टीशीटर हैं। इन्हीं आंकड़ों से मिलते-जुलते आंकड़े छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के […]