ओलंपिक खेल भले ही दुनिया में भाईचारा बढ़ाने का, विभिन्न देशों के बीच आपसी रिश्ते सौहार्दपूर्ण बनाने-बढ़ाने का आह्वान करते हों। लेकिन इतिहास गवाह है कि मौके-बेमौके ये सियासी दांव-पेंच, कूटनीतिक मोर्चाबंदी तथा अन्य कई तरह से विवादों में घिरते रहे हैं। एक नहीं कई बार इन पर विवादों की छाया गहराई है। सच तो […]
ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी के बाद आंखें आसमान की ओर निहारने लगती हैं। प्रकृति प्यास से व्याकुल हो जाती है तभी आती है- ऋतुओं की रानी वर्षा। अपने साथ काले मेघों की विशाल सेना लिए हुए। भारत में भौगोलिक दृष्टि व मानसून के हिसाब से बरसात के चार महीने माने जाते हैं, परन्तु इन […]
हर वस्तु का अपना-अपना धर्म होता है और अपने-अपने लक्षण होते हैं। उन्हीं लक्षणों से उस वस्तु से लोग परिचित होते हैं, उसका नामकरण होता है। हर सत्ता का, हर जीव का अपने धर्म में प्रतिष्ठित रहना ही श्रेयस्कर है। सोने का और लोहे का अपना-अपना धर्म होता है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का भी […]
देवभूमि हिमाचल शक्तिपीठों के लिए प्रसिद्घ है, क्योंकि यहॉं के ज्वालाजी, नयना देवी, चामुण्डा, चिन्तपूर्णी आदि शक्तिपीठ भारत में ही नहीं अपितु संसार में प्रसिद्घ हैं। किन्तु एक शक्तिपीठ ऐसा भी है, जो अभी तक शेष दुनिया की नजरों से ओझल था, केवल स्थानीय व आसपास के लोग ही इसकी महिमा से परिचित थे। यह […]
नशा और वासना में पशु बनने की बड़ी सुविधा है। इनसे इन्सान आसानी से पशुता की ओर बढ़ चलता है। नशा इन्सान को बेहोश करता है और वासना अंधा। बेहोशी और अंधापन, दोनों ही पशु के गुण हैं। हर इन्सान में देवत्व और पशुत्व होते हैं। चूंकि इन्सान की विकास-यात्रा निम्नत्तर से उच्चतर की ओर […]
“”महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज में । सर! पूरे तीन घंटे इंतजार किया, पर वह बूढ़ा खडूस डायरेक्टर ही नहीं आया, जो पैनल का खुदा था। काहे का खुदा, सर! मेरे लिए तो जल्लाद बन गया वह। अथॉरिटी ने मोबाइल पर बार-बार नंबर मिलाए तो हर बार स्विच ऑफ। लैंड-लाइन पर किया तो घंटियां बजती रहीं […]
नहीं, मैं आपको प्रेमिका के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकता। यह शब्द सुनते ही राधिका का चेहरा पराजित योद्घा की तरह लटक गया। उसने सोचा कि वह लू़जर है, बेकार है, किसी लायक नहीं है, अपूर्ण है, तरस खाने लायक है… ये भद्दे शब्द हैं, लेकिन ठुकराये जाने पर अपनी भावनाओं को इन्हीं के […]
पुरुषों को महत्वाकांक्षी और आउटगोइंग महिलाएं पसंद आती हैं। वे उनसे प्यार भी करते हैं, लेकिन जब शादी का प्रश्न आता है तो वे होम मेकर या घर संभालने वाली गृहिणी को ही प्राथमिकता देते हैं। पत्नी के रूप में उन्हें एक घरेलू स्त्री चाहिए होती है। आज के दौर में हम में से कितनी […]
भारतीय समाज में भी ज्यों-ज्यों विवाह-विच्छेद की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, त्यों-त्यों ऐसे हतभाग्य बच्चों की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, जो या तो मां के या बाप के या दोनों के वात्सल्य एवं लाड़-प्यार से वंचित रह जाते हैं और इस कारण अकथनीय मानसिक व्यथा के शिकार हो जाते हैं। हर […]
पू. आचार्य भगवन का जन्म गुजरात में स्थित लाखेणी गांव में विाम संवत् 1961 को फाल्गुण मास की शुक्ल पूर्णिमा अर्थात होली के दिन रात्रि 11 बजे के पश्चात हुआ था। उनके पिता का नाम अमरचंद भाई एकाणी और माता का नाम संतोक बाई था। भडियाद गांव में अमर चंद भाई नगर सेठ की पदवी […]