मलयालम के प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र “मातृभूमि’ में एक अत्यंत चिंताजनक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जो बताती है कि केरल की अविवाहित कन्याओं में गर्भधारण और भ्रूण-हत्याओं की संख्या में वृद्घि हो रही है। लिखा है कि 13 और 24 वर्ष के बीच की आयु-वर्ग की कन्याओं पर, जो अध्ययन आलपुषा मेडिकल कॉलेज के गाइक्नोलॉजी विभाग […]
व्यस्त जीवन–शैली, तनाव और परिवार का बदलता स्वरूप। आइये, नये युग के जीवन के बदसूरत भाग में आपका स्वागत है। जहां आपके पास समय कम और काम ज्यादा है। निरंतर आप पर दबाव व निगरानी बनी रहती है और आपको रिलैक्स करने का बमुश्किल मौका मिलता है। ऐसे में आपका अपने जज्बात पर काबू नहीं […]
एक बार श्रीनारद जी के मन में यह दर्प हुआ कि मेरे समान इस त्रिलोकी में कोई संगीतज्ञ नहीं है। इसी बीच एक दिन उन्होंने रास्ते में कुछ दिव्य स्त्री-पुरुषों को देखा, जो घायल पड़े थे और उनके विविध अंग कटे हुए थे। नारद के द्वारा इस स्थिति का कारण पूछने पर उन दिव्य देव-देवियों […]
“”यह वही जमीन है, जिसे पाने के लिए पिताजी, जिन्हें हम प्यार से दादा कहते थे और हमारी पट्टी के बड़के दादा, जो हमारे खास पाटीदार थे, दोनों ने कमिश्र्न्नरी तक मुकदमा लड़ा था। जिस दिन मुकदमे की तारीख पड़ती थी, उससे दो दिन पहले ये दोनों अल-सुबह चिड़ियॉं चहकने से पहले ही घर से […]
देवर्षि नारद की अनुभव कथा सुनकर हिमवान के आँगन में भावों की बूंदें बरस पड़ीं। वहॉं उपस्थित सभी ब्रह्मर्षियों, महर्षियों, मुनिजनों के साथ सिद्घों, गंधर्वों, विद्याधरों व देवों के अंतःकरण भक्ति से सिक्त हो गये। सब ओर एक व्यापक मौन पसर गया। इस मौन में स्पंद एवं निःस्पंद का अपूर्व संगम हो रहा था। प्रायः […]
बाबोसा प्रभु तो सब जानते हैं कि भक्त को क्या चाहिए? फिर मांगना क्या? वह तो बिना मांगे ही देने वाले हैं। वह सब जानते हैं। अतः उस बाबोसा प्रभु से भक्त को कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है। वह तो खुद भक्तों के लिए चिंतित हैं। भक्त को चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं […]
चींटियों के शरीर के पिछले हिस्से में एक प्रकार का स्राव होता है। जिसकी गंध के परिणामस्वरूप अन्य चींटियां भी भोजन के पास पहुँची हुई चींटियों के संपर्क में आ जाती हैं। चींटियां एण्डोमेन को जमीन में गड़ा देती हैं और भोजन को ग्रहण कर लेती हैं। शैम्पू पाउडर नन्हें-मुन्नों के लिए खतरनाक क्यों […]
बरसों से स्पर्म व्हेल को उससे मिलने वाले तेल के लिए मारा जाता रहा, जिसका इस्तेमाल बतौर लुब्रिकेंट भारी उद्योगों में होता रहा। लेकिन सन् 1970 में कई देशों ने कानून पारित कर व्हेल के शिकार पर तथा उसके तेल से बने उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगा दी और इस तरह वह विलुप्त होते-होते […]
दोस्तों, बिल्लियों के लाखों साल पुराने अवशेष पाए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि वह बहुत ही लम्बे समय से इस धरती पर मौजूद हैं। लेकिन इससे एक सवाल यह उठता है कि बिल्लियों को पालतू कब बनाया गया? जिस पालतू बिल्ली को हम जानते हैं, वह जंगली बिल्ली की वंशज है। लेकिन कौन-सी […]
यह हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। बंगाल की खाड़ी में, जहां गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियां समुद्र में मिलती हैं, उसे ही गंगासागर कहते हैं। यह कोलकाता के पास है। पुराणों के अनुसार यहीं पर कपिल मुनि का आश्रम हुआ करता था। हर साल मकर-संक्रांति के अवसर पर यहां विशाल मेला लगता है।