श्रम का महत्व

यह कहानी प्राचीन मिस्र के एक छोटे से गॉंव की है। इस देश की शहरी आबादी से दूर एक घना जंगल था। यहॉं विभिन्न वनवासी समूहों के लोग रहते थे। यहॉं के लोग पेड़ों के खोडर में, गुफाओं आदि विचित्र स्थानों पर वास करते थे। इन लोगों का वस्त्र धारण करने का ढंग भी विचित्र […]

अंडाकार रक्त कणिकाएँ

ऊँट की लाल रक्त कणिकाएँ अंडाकार होती हैं ताकि निर्जलन की स्थिति में आसानी से वाहित हो सकें। ग़जब के छौने बिल्डर बीस्ट के छौने जन्म के कुछ मिनट बाद ही चलने लगते हैं और कुछ दिनों में तो वो पूरे झुंड के साथ कदम मिलाकर चलने लगते हैं। मनुष्य की त्वचा मनुष्य की त्वचा […]

स्वामीभक्त नेवला

स्वामीभक्त नेवला

एक नगर में एक ब्राह्मण रहता था। उसके घर पुत्ररत्न ने जन्म लिया। बच्चा बेहद खूबसूरत था। ब्राह्मण-ब्राह्मणी की आँखों का तारा। ब्राह्मण ने एक नेवली भी पाल रखी थी। संयोगवश उसने भी एक बच्चे को जन्म दिया। नेवली कुछ समय बाद मर गई तो ब्राह्मण और उसकी पत्नी नेवली के बच्चे को भी अपने […]

गर्भ में पड़े संस्कारों का प्रभाव

अर्जुन व सुभद्रा के पुत्र अभिमन्यु ने अपनी माता के गर्भ में ही चाव्यूह का भेदन कर उसमें प्रवेश करने की विधि सुनी थी, किंतु बाहर आने की विधि नहीं सुन पाया। अतएव जब महाभारत का युद्घ हुआ तो वह चाव्यूह का भेदन कर उसमें प्रवेश कर गया और कौरव सेना के सात-सात महारथियों से […]

विकलांगों को अभिशाप-मुक्त बनाने की जरूरत

विकलांग अब अक्षमता का पर्याय नहीं रहे। वे तमाम चुनौतियां स्वीकारते हुए अपनी दक्षता साबित कर रहे हैं। लेकिन दक्षता-कौशल के ज्यादातर प्रयास या तो वैयक्तिक हैं या इनकी महत्ता विकलांग दिवस जैसे अवसरों पर समाचार बना लेने के बाद उनका प्रकाशन व प्रसारण कर देने तक निहित है। जबकि इनकी क्षमताओं का संस्थागत इस्तेमाल […]

वाराणसी में साफ-सुथरी गंगा की नई उम्मीद

वाराणसी में साफ-सुथरी गंगा की नई उम्मीद

वाराणसी, गंगा किनारे का ऐसा शहर है जिसका इतिहास बहुत प्राचीन है, जिसकी संस्कृति बहुत समृद्घ है, और जो करोड़ों लोगों की श्रद्घा का केंद्र है। यहॉं गंगा नदी के घाट लगभग 7 कि.मी. तक फैले हुए हैं जहॉं किसी भी सामान्य दिन लगभग साठ ह़जार लोग श्रद्घा से स्नान करते हैं। विशेष त्यौहार-पर्व में […]

मुझे नींद नहीं आई

मुझे नींद नहीं आई

एक बार एक भारतीय युवक अमेरिका के एक धनी पुरुष के बुलावे पर उनके घर गया। घर के मालिक ने युवक का खूब सत्कार किया। सुंदर सजे-धजे आरामदायक कमरे में रात को उनके सोने का इंत़जाम किया। परन्तु उस युवक को उस आरामदायक बिस्तर पर नींद नहीं आई। वह रोने लगा। उसका तकिया तक आँसुओं […]

धर्मांतरण मुद्दा जरूर है लेकिन…

धर्मांतरण एक मुद्दा है और ऐसा भी नहीं है कि यह मुद्दा एकाएक पैदा हो गया है। कई-कई संदर्भों में यह मुद्दा पिछली कई शताब्दियों से देश की राजनीति के केन्द्र में रहा है। देश में इस्लामी सत्ता की स्थापना के बाद बड़े पैमाने पर तलवार के बल पर हिन्दुओं को इस्लाम स्वीकार करने के […]

आतंकवाद विरोध की नरम रणनीति का यथार्थ

प्रशासनिक सुधार आयोग की आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून बनाने की सिफारिश संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की वैचारिक राजनीति का शिकार हो गयी और इसी के साथ धारावाहिक बम विस्फोटों के बाद संप्रग सरकार की आतंकवाद की धार को कुंद करने के सभी बयानों का नतीजा भी धराशायी हो गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने धारावाहिक […]

जरूरी है ऊर्जा के नये स्रोतों की तलाश

पूर्व राष्टपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार फिर परमाणु-ऊर्जा की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका यह रु़ख अमेरिकी असैन्य पारमाणविक समझौते के समर्थकों के लिए नया उत्साह पैदा करता है। लेकिन चेन्नई स्थित मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान में दिया गया उनका भाषण यह भी रेखांकित करता है कि इसके अलावा भी सस्ते, प्रदूषण-मुक्त […]