छप्पर की मुंडेर से गिरती पानी की टप-टप बूंदें, छत के पनालों से बहती पानी की मोटी धार, अपने सीने में घुटनों पानी समेट लहलहाते खेत, सौन्दर्य बिखेरती- इठलाती नदियॉं, ताल-तलैयों में अठखेलियॉं करते बच्चे और पानी में गोते लगाते मस्त मवेशी। सच में आ गया है सावन झूम के। ज्येष्ठ-आषाढ़ की तपती धरती पर […]
कांवड़ अत्यंत पवित्र एवं अन्तरमन के सच्चे प्रेम की प्रतीक मानी जाती है। यह भावनाओं की डोर है, गंगा मैया के आंचल का छोर है। अपने मन की निश्र्चल चेष्टाओं का निचोड़ है। कांवड़ से जुड़ी अनेक भावनाएँ हैं। मान-सम्मान, संस्कार माता-पिता की सेवा इत्यादि। कांवड़ से संबंधित श्रवण कुमार की पौराणिक कथा प्रसिद्घ है। […]
धूप में यारो कंकर पत्थर सोब चमकते रहते हैं अंधियारे में चमक दिखाने वाला असली हीरा है दूसरे के कांधे पो चढ़ को मईं कित्ता उछला तो क्या ऊंचा अदमी फ़र्श के ऊपर बैठा भी तो ऊँचा है सिराज शोलापुरी (सोलापुरी) की यह पंक्तियॉं पढ़ते हुए निश्र्चित ही हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते […]
समाज में सभी नगरिक ज्ञानवान, शीलवान, संस्कारवान हों, इंद्रिय-संयम, अर्थ-संयम, समय-संयम और विचार-संयम का सतत अभ्यास करते हों और सर्वत्र सत्कर्मों, सुविचारों एवं सुख-शांति की अभिवृद्घि हो। ऐसा आदर्श निष्ठ समाज बनाए रखने का उत्तरदायित्व ऋषियों ने ब्राह्मण वर्ण पर ही डाला है। ब्राह्मणों व विद्वानों का सबसे पहला कर्त्तव्य यही है कि वे स्वयं […]
एक उत्साही युवक ने जनसेेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। वह कहता था कि पीड़ितों का दुःख दूर करने और उन्हें खुश करने में जो संतुष्टि मिलती है, वह अपने स्वार्थ को पूरा करने में नहीं मिलती। एक बार वह युवक सख्त बीमार पड़ गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि […]
झज्जर जिले के महाभारतकालीन कस्बे बेरी से 12 किलोमीटर दूर गांव माजरा दूबलधन में बेरी-दादरी सड़क मार्ग पर एक बड़ा ही मनोहारी सरोवर है, देवालय। नाम के अनुरूप ही यहां अनेक देवी-देवताओं तथा संत-महात्माओं के मंदिर तथा समाधियां बनी हुई हैं। इस सरोवर का महाभारत काल से ही विशेष महत्व रहा है। इसी सरोवर के […]
कल शाम हरीतिमा अपने सास-ससुर सहित मेरे घर पधारी तो मैं चौंक गयी। हम दोनों एक-दूसरे के यहॉं आते-जाते रहते हैं, पर अंकल-आंटी तो कभी नहीं आये। डाइवर ने मिठाई का डिब्बा और फलों का टोकरा कोने में रखा और वे दोनों बेतकल्लुफी से सोफे पर बैठ गये। “”रजनी बेटे, ज्योति को बनाने में तुम्हारा […]
हाल में देश के विभिन्न हिस्सों में जन-आंदोलनों में जुटी ताकतें अब संसदीय राजनीति में दखल देने जा रही हैं। एक लंबी प्रिाया और बहस के बाद जन-आंदोलनों ने साझा मंच का गठन जुलाई के दूसरे हफ्ते में जयपुर में किया। लोक राजनीति मंच के गठन के बाद राष्टीय राजनीति में फिर नई पहल की […]
नेपाली गणराज्य के पहले प्रधानमंत्री अपने दलबल के साथ पांच दिवसीय भारत दौरा करके वापस लौट गए हैं। उनकी झोली भारत ने इतना भर दिया कि वे गद्गद होकर लौटे हैं। भारत उनके साथ इतनी उदारता दिखाएगा, इसकी कल्पना निश्र्चय ही उन्हें नहीं रही होगी। आखिर माओवादियों के प्रचार अभियान का मुख्य भाग भारत विरोध […]
इंग्लैंड में सफर के दौरान मेरी कोशिश रही कि वहॉं की जीवन शैली और भारत में जीने के तरीकों में तेजी से बदलाव के बीच के सूत्रों को समझ सकूं। इसलिए वहॉं रह रहे भारतीय परिवारों से खूब मिला। उनसे बेबात लंबी बहस छेड़ी, उनके अंदर झांकने के लिए उनके अन्तर्मन को झकझोरा और निकट […]