ग़जल

करना न ा़र्ंिजंदगी से मुर्दानगी की बात करना हो जब भी करना मर्दानगी की बात   दरिया के पास प्यास से कुछ लोग मर गये मौजें-रवां में होती रही तिश्र्न्नगी की बात   पत्थर-दिलों के सामने करना कभी न दोस्त! पलकों के बीच डबडबा रही नमी की बात   गुलशन में ़कह़कशां के कुछ फूल […]

दूसरी तकलीफ़ की तरफ़

एक तकला़फ से तुमको मैंने बचाया है। अब आओ, दूसरी तकलीफ़ की तरफ़ चलें। एक रात बीती है अब चल पड़ें एक-दूसरी रात की तरफ़। एक अध्याय छूट गया है जहां उसे रहने दें वहीं जलती लकड़ी और टूटे कलश की तरफ़ मुड़कर देखना उचित नहीं चलो, दूसरा एक अध्याय हमें बुला रहा है।   […]

अस्तित्व

मैंने कई बार कोशिश की है तुम से दूर जाने की, लेकिन मीलों चलने के बाद जब मुड़ कर देखता हूँ तो तुम्हें उतना ही करीब पाता हूँ।   तुम्हारे इर्द-गिर्द वृत्त की परिधि बन कर रह गया हूँ मैं।   –     अनूप भार्गव

अ़र्जी

शक की कोई वजह नहीं है मैं तो यों ही आपके शहर से गु़जरता उन्नीसवीं सदी के उपन्यास का कोई पात्र हूँ मेरी आँखें देखती हैं जिस तरह के दृश्य, बेा़र्ंिफा रहें वे इस यथार्थ में नामुमकिन हैं   मेरे शरीर से, ध्यान से सुनें तो आती है किसी भापगाड़ी के चलने की आवा़ज   […]

तीन कविताएँ – मीनल विठलाणी

(1) जान कर तुम क्यों अनजान बन गये मेरे दीवानेपन का सामान बन गये पागल होने की हद तक चाहा है तुम्हें जाने फिर भी क्यों तुम चॉंद बन गये   (2) अपनी ़िंजदगी का एक दिन तो मेरे नाम कर दो झूठमूठ ही सही कुछ तो बदनाम कर दो जीने के लिए इतना सहारा […]

जरा सोचिए आपको प्रमोशन क्यों नहीं मिल रहा?

जरा सोचिए आपको प्रमोशन क्यों नहीं मिल रहा?

नौकरी के दौरान कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कई लोगों को लंबे समय तक प्रमोशन नहीं मिलता, वहीं कुछ ऐसे लोग भी देखे जाते हैं जिन्हें सामान्य समय से पहले प्रमोशन मिल जाता है। जिन लोगों को काफी समय गुजर जाने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिलता, उनमें इस कारण निराशा और […]

कलिनरी आर्ट्स रसोई कॅरिअर की

कलिनरी आर्ट्स रसोई कॅरिअर की

अगर भविष्य में आप अपने लिए एक नये कॅरिअर को सूंघ रहे हैं, तो हो सकता है, आप रसोई की ओर बढ़ रहे हों। कलिनरी आर्ट्स या खाना बनाने की कला में कॅरिअर दिलचस्प होता है क्योंकि न सिर्फ काम करने में मजा आता है बल्कि आप अध्ययन और अन्य सांस्कृतिक परंपराओं को समझने के […]

नाक-मुँह वाला स्पंज

नाक-मुँह वाला स्पंज

जिस स्पंज का हम इस्तेमाल करते हैं, वह एक तरह का पौधा है। इसके छेद वास्तव में इसकी नाक और मुंह होते हैं, जिनसे यह पानी में सांस लेता है और खाना खाता है। हम तक जो स्पंज पहुंचता है, वह इस पौधे का मृत शरीर होता है। तंदूर जैसा घोंसला एक चिड़िया का घोंसला […]

समुद्र कैसे बने?

समुद्र कैसे बने?

दोस्तों, क्या कभी आपने सोचा कि इस पृथ्वी ग्रह पर समुद्र कैसे बने? दरअसल, हमारी पृथ्वी पर आज भी ऐसी बहुत-सी ची़जें हैं, जो हमारे लिए रहस्य हैं। समुद्र भी उनमें से एक है। हम तो असल में यह भी नहीं जानते कि समुद्र कितने पुराने हैं। लेकिन यह निश्र्चित प्रतीत होता है कि पृथ्वी […]

बहुपयोगी नेटटॉप

बहुपयोगी नेटटॉप

दोस्तों, तकनीक की इस दुनिया में रो़ज नई-नई ची़जें देखने, जानने-समझने में कितना म़जा आता है ना। और जब ऐसी जानकारी आप खुद अपने पापा को देते हैं तो पापा कितने खुश हो जाते हैं। आपके पापा लैपटॉप को तो काम में लेते ही होंगे, अब उनसे नेटटॉप और नेटबुक की उम्दा और उपयोगी जानकारी […]

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