प्रताड़ित लोकतंत्र और उदासीन मतदाता

कहते हैं, किसी का नाम दो कारणों से होता है- उसके कुकर्म से या सुकर्म से। यदि ऐसा ही होता है तो 22 जुलाई, 2008 के दिन भारत की संसद में सवा अरब की जनसंख्या के प्रतिनिधियों का बहुत नाम भी हुआ और इसे बदनाम भी कह सकते हैं। संसद के जिस पटल पर अरबों […]

भूजल संरक्षण हेतु जन-जागरण जरूरी

जल संकट देश ही नहीं, समूचे विश्र्व की गंभीर समस्या है। विशेषज्ञों की राय है कि वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देकर गिरते भूजल स्तर को रोका जा सकता है और उचित जल-प्रबंधन से सबको शुद्घ पेयजल मुहैया कराया जा सकता है। उनका मानना है कि यही टिकाऊ विकास का आधार हो सकता है। इसमें […]

ऑनर किलिंग का शिकार होती महिलाएं

हाल ही में दक्षिणी बिहार के पूर्णिया शहर की चौदह वर्षीया स्नेहा के साथ जातीय पंचायत ने जो किया, वह दुनिया की उभरती तीसरी आर्थिक महाशक्ति वाले इस देश में लड़कियों एवं औरतों की असली सामाजिक हैसियत सामने रखता है। मामला यह था कि स्नेहा का चाचा प्रवीण अपने मुहल्ले की एक लड़की को लेकर […]

माँ

बूढ़ी माँ के कंपकंपाते हाथों से चाय का प्याला गिरा और छन्-न्-न् की आवाज से टूट गया। गर्म चाय मां के पैर पर गिर पड़ी और वह दर्द से चीख उठी। आवाज सुनकर बेटा-बहू तमतमाते हुए फौरन कमरे से बाहर आये। इससे पहले कि उसे बहू के कोप का भाजन बनना पड़े, बेटा दहाड़ा, “”देख […]

ऑफ द रिकार्ड

सत्तारूढ़ दल के एक विधायक से पत्रकार वार्ता में पूछा गया, “”एक सफल नेता में क्या गुण होने चाहिए?” इस प्रश्र्न्न को सुनकर विधायक जी एक बार तो चौंके, लेकिन अगले ही पल उन्होंने एक सफल नेता के गुण स्पष्ट करते हुए कहा, “”सफल नेता कहलाए वही, जो जनता से वायदे तो करे, पर निभाए […]

यह कैसी दुआ

सास-बहू में तनातनी आजकल घर-घर की कहानी है। कहावत है, दो बर्तन होंगे तो खड़केंगे ही। मतभेद कहॉं नहीं होते, किंतु दिलों में दूरी नहीं होनी चाहिए, फिर सावित्री का तो एक ही बेटा है। ऐसे में वह बहू-बेटे और पोतों से अलग होने की बात सोच ही नहीं सकती। यही कारण है कि अक्सर […]

कांचीपुरम दक्षिण भारत की काशी

कांचीपुरम दक्षिण भारत की काशी

तमिलनाडु में स्थित कांचीपुरम मोक्षदायिनी सप्तपुरियों में से एक है। इन सात पुरियों में साढ़े तीन पुरियां विष्णु कीं और इतनी ही शिवजी की हैं। कांची आधी विष्णु की और आधी शिव की है। सप्त कांची के दो भाग हैं- शिवकांची तथा विष्णुकांची। कांचीपुरम को दक्षिण भारत की काशी कहा जाता है। कांचीपुरम इक्यावन शक्तिपीठों […]

मृगतृष्णा

इच्छाएँ मानवीय दुःखों का सबसे बड़ा कारण हैं। वैसे जरूरतें तो पूरी हो सकती हैं, परन्तु इच्छाएँ अनन्त हैं। उन पर पूर्ण विराम लगाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। नीमा की बर्बादी का कारण भी उसकी अपनी अनन्त इच्छाएं ही थीं वरना क्या नहीं था उसके पास? उच्च पद पर कार्यरत एक नेक, होनहार व […]

हर दिन देवता का

भारतीय जीवन-शैली में प्रत्येक दिन में प्रत्येक देवता की शक्ति संचारित होती है। उस देवता की, उस दिन आराधना के विधान से सब कुछ सुचारु हो जाता है। सारी मानव जाति के जीवन में सुख, शांति, समृद्घि आती है। ज्ञान का उजाला फैलता है। जीवन में समग्रता एवं सर्वसमर्थता स्वयं ही आ जाती है। देवभूमि […]

आखिर कब पूरी होगी ओलंपिक में पीले तमगे की ख्वाहिश

बीजिंग ओलंपिक के मशाल प्रज्ज्वलन की घड़ी ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, 1 अरब 20 करोड़ की आबादी वाले हिंदुस्तान की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। हमेशा की तरह फिर वही यक्ष प्रश्न आ खड़ा हुआ है कि क्या ओलंपिक में हमारी असफलता के अभिशाप का सिलसिला टूटेगा? क्या कोई हिंदुस्तानी खिलाड़ी अपने दम पर फकत […]