आप चाहें तो उन्हें अभिनेत्री कहें या चाहे लेखिका पर उनका पहला प्रेम रंगमंच ही कहलाएगा। सो मकरंद देशपांडे और नसीरूद्दीन शाह जैसे अभिनेताओं के साथ रंगमंच पर दर्जन भर महत्वपूर्ण नाटक करने वाली और फिल्मों के साथ आजकल सोनी के शो सुजाता में शैला की भूमिका निभाने वाली चर्चित अभिनेत्री दिव्या जगदले अपने आप […]
18 मई, 1883 को जन्मे विनायक सावरकर आगे चलकर हजारों क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बने। भारत वर्ष ने उन्हें “स्वातंत्र्यवीर’ की उपाधि से विभूषित किया। चाफेकर बंधुओं को जब फॉंसी की सजा सुनाई गई, तब विनायक के मन में भी क्रांति की चिनगारियॉं उठने लगीं। पूना के फर्ग्युसन कॉलेज से ही उन्होंने अपने साथी बनाने […]
पिछले 100 साल के दौरान रूस राजनीतिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक और साहित्यिक दृष्टि से व्यापक परिवर्तनों के दौर से गुज़रा है। खासकर सोवियत संघ के अस्तित्व के दौरान उसने विभिन्न क्षेत्रों में कई उपलब्धियॉं हासिल कीं, हालॉंकि अमेरिका व यूरोप में इन्हें कोई खास महत्व नहीं दिया गया। शीतयुद्ध काल में तो सोवियत संघ और अमेरिका […]
आइजक न्यूटन दुनिया के सर्वकालिक महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। हालांकि वह खासतौर पर अपने गति एवं गुरुत्वाकर्षण से संबंधित सार्वभौमिक नियमों के लिए जाने जाते हैं। मगर हकीकत यह है कि उनके चलते समूचा भौतिक विज्ञान उनके पहले और उनके बाद, इन दो हिस्सों में विभाजित है। न्यूटन आधुनिक भौतिकी के जन्मदाता हैं। […]
दक्षिण अफ्रीका के अश्वेतों में नेल्सन मंडेला को वही सम्मान हासिल है जो भारत में महात्मा गांधी को। गोरों के रंगभेदी अत्याचारों से पीड़ित अश्वेतों को बराबरी और सम्मान दिलाने का मंडेला ने जो अथक संघर्ष किया है, उसकी मिसाल राजनीतिक इतिहास में यदाकदा ही मिलती है। मंडेला का जन्म दक्षिण अफ्रीका के ट्रंसकेई राज्य […]
भारत के स्वाधीनता संग्राम के एक सुदृढ़ स्तंभ जमनालाल जी बजाज की पत्नी का नाम जानकी देवी था। जन्म से वे मारवाड़ी घराने की एक अपढ़, गहनों से लदी, परदे में रहने वाली, छुआछूत की भावना से ग्रस्त बालिका थीं, पर दैव ने उन्हें जमनालाल बजाज की वधू बना दिया। जमनालाल जी के आदेश पर […]
ईश्र्वरचंद्र विद्यासागर (26 सितंबर, 1802-29 जुलाई, 1819) न केवल विद्या के सागर थे, बल्कि महान गुणों के धनी थे। विधवा विवाह का प्रचलन उस जमाने में करना एक बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसकी तैयारी करने के लिए उन्होंने संपूर्ण धर्मशास्त्रों का गहन मंथन किया, मनन किया तथा पाया कि विधवा-विवाह पूर्णतः धर्मसम्मत है। शास्त्रों […]
वसुन्धरा के विलक्षण महापुरुष थे आचार्य श्री तुलसी। वे मानवता के मसीहा थे। उनका प्रत्येक कार्य मानव कल्याण से जुड़ा हुआ था। उनका चिंतन और दृष्टिकोण साम्प्रदायिक संकीर्णताओं से ऊपर था। बिहार की पदयात्रा में किसी व्यक्ति ने उनसे पूछा, “”आप हिन्दू हैं या मुसलमान?” उत्तर में संत श्री तुलसी ने कहा, “”मेरे सिर में […]
एक समय की बात है, राजा जनक ने योग के द्वारा अपने शरीर का परित्याग कर दिया और दिव्य-देह से विमान पर आरूढ़ होकर चल दिये। जब राजा जनक धर्मराज की संयमनी पुरी के निकटवर्ती मार्ग से जा रहे थे, उस समय करोड़ों नरकों में जो पापाचारी जीव यातना भोग रहे थे, वे जनक के […]
भगवान् विष्णु की पत्नी हैं लक्ष्मी। लक्ष्मी को ऐश्र्वर्य एवं समृद्धि की देवी माना जाता है। समुद्र-मंथन से उत्पन्न चौदह रत्नों में एक लक्ष्मी भी थीं। इस अयोनिजा देवी को ब्रह्मा ने विष्णु को समर्पित किया, तो उन्होंने देवी को अपनी अर्धांगिनी बना लिया। यह कामदेव की माता भी हैं। ब्रह्मा के पुत्र भृगु की […]