संसार में मनुष्य को ही नहीं, प्रत्येक प्राणी मात्र को जीने का अधिकार है। किसी भी प्राणी के प्राणों को बलात् लूट लेना हिंसा है। भगवान महावीर ने हिंसा के दो रूप बताएँ हैं- आवश्यक और अनावश्यक। एक गृहस्थ जीवन-यापन के लिए अनावश्यक हिंसा से बच नहीं सकता, किन्तु अनावश्यक हिंसा को रोक सकता है। […]
पुराणों में नदियों की तरह पर्वतों को भी पूज्य एवं आदरणीय बताया गया है। दक्षिण भारत के वेंकटगिरि और श्रीशैल को साक्षात् नारायण रूप माना गया है। स्कन्द पुराण में नारायणगिरि, शंखचूड़ पर्वत, शालिग्राम पर्वत, अरुणाचल, सिंहाचल, पारिजात, अज्जनगिरि आदि सभी पर्वतों को भगवान का रूप निरूपित किया गया है। विष्णु धर्मोत्तर पुराण में पर्वतों […]
अगर जींस बहुत गंदी हो जाये तो दो-तीन घंटे नमक के पानी में भिगोयें, फिर डिटरजेंट से धो लें। जींस चमक उठेगी। जब भी बोतल या थर्मस बंद कर कुछ दिनों के लिए रख देते हैं, तो बाद में खोलने पर अजीब-सी महक आती है। यदि उसमें दो-तीन लौंग डालकर रख दें तो दोबारा इस्तेमाल […]
भारत के भूतपूर्व राजा-महाराजा अपने राज्यों के लिए लड़ा करते थे, लेकिन राज्य या रियासत से बढ़कर आजादी के मूल्य को पहचानने वाले प्रथम इतिहास पुरुष महाराणा प्रताप ही थे। अपराजित योद्धा महाराणा प्रताप का इतिहास दानवीर भामाशाह एवं बलिदानी झाला के बिना अधूरा है। दानवीर, देशभक्त एवं योद्धा भामाशाह का जन्म 23 अप्रैल, 1495 […]
निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। सभी शास्त्रों तथा धर्माचार्यों के प्रवचनों का यही सार है कि भगवान केवल भाव के भूखे हैं। वे हमसे किसी वस्तु अथवा पदार्थ की कामना नहीं रखते और न ही किसी फल-फूल की अपेक्षा रखते हैं। ईश्र्वर तो बस कोमल भाव और प्रेम […]
महान बाबा बंदा सिंह बहादुर अपने समय का एक महान सिख योद्धा था, जिनका जन्म 16 अक्तूबर, 1670 ई. को पुंछ जिले की तहसील राजौरी के गांव जोरे का गढ़ में पिता रामदेव जी के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मण देव था। लक्ष्मण देव के भाग्य में विद्या नहीं थी, लेकिन छोटी-सी […]
जोड़, खासकर घुटने के जोड़, शरीर के वह हिस्से हैं जिनकी देखभाल दिल की तरह करनी पड़ती है। ऑस्टियो आर्थराइटिस एक आम किस्म व जोड़ों का रोग है। बढ़ती उम्र में इसकी वजह से दर्द और अपंगता होती है। बुढ़ापे में हर किसी को किसी हद तक ऑस्टियो आर्थराइटिस हो ही जाती है। अनुमान है […]
वर्ष 2008 के शुरुआत में एक सेमिनार में बोलते हुए जब दिल्ली के राज्यपाल तेजेन्दर खन्ना ने साफ-साफ यह कह दिया कि दिल्ली वाले लोग ट्रैफिक सेंस के मामले में बेहद लापरवाह हैं तो आनन-फानन में उनके विरूद्ध एक मोर्चा खोल दिया गया और उन पर दबाव डाला गया कि वह बिना किसी शर्त के […]
पुराणों के अनुसार सती के शव के विभिन्न अंगों से बावन शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था। इसके पीछे यह अन्तर्कथा है कि दक्ष प्रजापति ने कनखल (हरिद्वार) में “बृहस्पति सर्व’ नामक यज्ञ रचाया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान शंकर को नहीं बुलाया। […]
प्रभात के पिता जिला कचहरी में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। अभी हाल ही में उनका तबादला एक कस्बाई शहर से इस जिला मुख्यालय में हुआ था। प्रभात भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। उसके पिता रमाशंकर जी सीधे-सादे इंसान थे। रिश्वत-घूस की दुनिया में उन्होंने कभी कदम न रखा था। घर-गृहस्थी की गाड़ी किसी […]