इस मनुष्य-सृष्टि के पार, सूर्य और तारागण के पार, आकाश तत्व के भी पार एक और लोक है, जहॉं ब्रह्मा, विष्णु और शंकर अपनी-अपनी सूक्ष्म पुरियों में वास करते हैं। इस लोक को “सूक्ष्म लोक’ अथवा “आकारी देवताओं की दुनिया’ भी कहते हैं, क्योंकि यहां जो देवता वास करते हैं, उनके हमारी तरह कोई स्थूल […]
देवास टेकरी पर स्थित मॉं भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी मॉं और बड़ी मॉं के नाम से जाना जाता है। बड़ी मॉं को तुलजा भवानी और छोटी मॉं को चामुण्डा देवी का स्वरूप […]
आस्था का संबंध व्यक्ति के विश्र्वास के साथ जुड़ा है। एक ऐसा विश्र्वास, जिसकी गहराई अथाह है। एक ऐसी भावना, जिसके चलते कोई भी मनुष्य समर्पण के सारे बन्धन तोड़ देता है। आस्था कोई अंधविश्र्वास का नाम या रूप नहीं है। इसका संबंध प्रेम से है। प्रेम के विकृत रूप से नहीं अपितु प्रेम के […]
स्टैंप ड्यूटी कितनी लगनी है, कैसे अदा करनी है और कैसे एकत्र करनी है, इसके प्रावधान भारतीय स्टैम्प कानून-1899 में दर्ज हैं। इस कानून के तहत उचित स्टैंप ड्यूटी अदा करने के बाद कुछ कागजात को वैधता प्रदान करने की आवश्यकता होती है। किसी भी वित्त वर्ष में स्टैंप ड्यूटी से जो आमदनी होती है, […]
केन्द्र सरकार से मेरा आग्रह है कि वह देश के तमाम खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाने हेतु नियम-कानून बनाये। ये चैनल समाचार कम, भूत-प्रेत, हत्या, बलात्कार और टोना-टोटका को प्रसारित करने का माध्यम ज्यादा बनते जा रहे हैं। आज ये कहते हैं कि अमुक वर्ष में दुनिया खत्म हो जाएगी तो कल शनि महाराज की […]
हम जिस समय में आ पहुँचे हैं, यह बेहद नाजुक समय है। आज के ढांचे में तिहरी-चौहरी शिक्षा व्यवस्थाएं काम कर रही हैं। गांवों, दूर-दराज के इलाकों, कस्बों, जनपदों, बड़े शहरों में स्कूल-कॉलेज हैं, यूनिवर्सिटी या उच्चशिक्षा संस्थान हैं, वे कई स्तरों और सितारों वाले हैं। निचले स्तर के स्कूल निहायत ही जर्जर किस्म के […]
संस्कृत की एक सूक्ति में कहा गया है- नगर वसंते देवानाम्। शहरों की तरफ आकर्षण के मूल में शायद यही है। यही वजह है कि दुनिया में हजारों शहर हैं और इन शहरों का विस्तार लगातार जारी है। शहरों के अपने किस्से हैं और अपने स्वप्न। ये किस्से और स्वप्न रातोंरात नहीं बनते। वर्षों की […]
अकारण कुछ भी नहीं होता। इस बात का पता मुझे कुछ दिन पहले तब चला, जब मच्छरों को मारते-मारते हलकान होकर मैं स्वास्थ्य कर्मियों के बीच जा पहुंचा। मेरे आश्र्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, मैंने देखा कि वे मच्छरों को छोड़कर मक्खियों को मारने में व्यस्त हैं। मैंने सोचा, ये लोग मक्खियॉं मारने के मुहावरे […]
कहते हैं कि इस दुनिया में चोरों की कमी नहीं। कोई अंडा चोर, कोई मुर्गी चोर! आदमी सोचने लगता है कि पहले मुर्गी हुई थी या अंडा यानी आदमी की फितरत से भ्रष्टाचार उपजा अथवा भ्रष्टाचार ने आदमी की फितरत को बदला। यह विकास की राह भी बड़ी टेढ़ी-मेढ़ी है। आदमी जहॉं से चलता है, […]
हाल ही में मुझे कुतुब मीनार देखने का मौका मिला। देखनी तो पहले चाहिए थी, पर संयोग ही नहीं बना। मीनार की खूबसूरती की सराहना किये बिना कौन रह सकता है? मेरा मन भी उसे निहार कर मुग्ध होता रहा। सचमुच यह मीनार हमारी वास्तुकला का गज़ब का सबूत है। पर वहॉं जाकर आपके मन […]