धूम्रपान के नकारात्मक प्रभाव

धूम्रपान के नकारात्मक प्रभाव

धूम्रपान का इतिहास कोई नया नहीं है। धूम्रपान वर्षों से चली आ रही (कु) परम्परा का हिस्सा है। एक जमाने में सिर्फ साधु-संन्यासी ही धूम्रपान किया करते थे, गांजे या हुक्का-चिलम के रूप में, मगर उनमें वह आत्मशक्ति थी, जिसके जरिए धूम्रपान के नकारात्मक असर का ह्रास हो जाता था, मगर दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है […]

संसदीय आम चुनावों की पदचाप

परमाणु ऊर्जा करार का दो वर्ष तक संसद में और संसद के बाहर तीव्र विरोध करने पर भी समाजवादी पार्टी अचानक उसकी हिमायती बन गई। अलबत्ता उससे पहले उसने भारत सरकार के राष्टीय सुरक्षा सलाहकार नारायणन और पूर्व राष्टपति अब्दुल कलाम से सलाह ले ली थी। परन्तु कई राजनीतिक टिप्पणीकार कहते हैं कि एक ओर […]

डील न करियो कोय

परमाणु करार के ़जरूरत से ज्यादा प्रचार-प्रसार का आम जनमानस पर इतना व्यापक असर हो गया कि एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा तो प्रेमिका ने मुंह बिचकाते हुये कहा कि उसका शादी जैसी पुरातनपंथी विचारधारा में कोई विश्र्वास नहीं है। हां, वो इसकी जगह उसके साथ जीवन बिताने के […]

बैरकों से फिर निकल सकती है सेना

रखरखाव के रिश्ते अधिक समय तक कायम नहीं रहते हैं, पाकिस्तान में भी यही हुआ। पूर्व राष्टपति परवे़ज मुशर्रफ के विरुद्घ साझा दुश्मनी पाकिस्तान की दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों-पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लीग (नवा़ज) को एक मंच पर रोके हुए थी, लेकिन जैसे ही मुशर्रफ से मुक्ति मिली, इन दोनों दलों के पास साथ […]

बाढ़ की विभीषिका

बिहार और उत्तर प्रदेश इस समय बाढ़ की भयंकर विभीषिका से जूझ रहे हैं। बिहार की हालत सर्वाधिक खराब है। वहॉं कोसी और गंडक ने जो तबाही मचाई है उससे बिहार का एक बहुत बड़ा हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया है। चारों तरफ पानी ही पानी। नगर, कस्बा, गॉंव और ़जमीन इस जल समुद्र […]

शुभारंभ

भारत में पहली बार सफेद बाघ को मध्य-प्रदेश के रीवां स्थित जंगलों में सन् 1951 में पाया गया। रीवां नरेश मार्तंड सिंह जू देव ने इसे अपनी देखरेख में रखा और इसे नाम दिया मोहन। इसी मोहन के वंशज सफेद बाघ सारी दुनिया में फैले। एक अनुमान के अनुसार अब दुनिया भर में 50 से […]

सत्य ही शिव है

राजकोट के अलेड हाईस्कूल की घटना है। हाईस्कूल का मुआयना करने आए हुए थे, शिक्षा विभाग के तत्कालीन इंस्पेक्टर जाल्स। नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उन्होंने श्रुतिलेख (इमला) के रूप में अंग्रे़जी के पॉंच शब्द बोले, जिनमें एक शब्द था, “”केटल।” कक्षा का एक विद्यार्थी मोहनदास इस शब्द के हिज्जे ठीक से नहीं लिख सका। […]

मशीनी छिपकली स्टिकीबोट

घर में घूमती छिपकलियॉं क्या कम हैं कि वैज्ञानिकों को एक नई मशीनी छिपकली बनाने की जरूरत आन पड़ी है? अमेरिका के रॉबर्ट फुल को छिपकली, गिरगिट और काकरोच पसंद हैं और मार्क कटकोस्की को खास नापसंद भी नहीं। दोनों की जिज्ञासा थी कि किस तरह ये प्राणी खड़ी दीवारों पर आसानी से चढ़ जाते […]

कोई नरम कोई गरम ऐसे ही होते है पखेरू

दोस्तों, तुम जब अपने मित्रों से मिलते हो तो पाते हो कि प्रत्येक का स्वभाव अलग-अलग होता है। कोई मिलनसार, कोई नरम तो कोई झगड़ालू होता है। ऐसा स्वभाव मनुष्यों के अलावा जीव-जन्तुओं में भी होता है। क्यों न हो, उनमें भी तो संवेदना पायी जाती है। यहॉं हम तुम्हें विभिन्न पक्षियों के स्वभाव के […]

गिलहरी रानी बड़ी सयानी!

गिलहरियों को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि कोई उन्हें देख रहा है। यह बात तब उजागर होती है जब वे अपना बचा-खुचा भोजन छुपाती हैं। क्योंकि जब वे अपना भोजन छुपाती हैं तो कई बार सिर्फ छुपाने का नाटक करती हैं। ऐसा क्यों करती हैं वे? “”गिलहरियॉं जब भी अपना भोजन छुपाती हैं, तो […]

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