सत्य की राह

धर्म सत्य पर आधारित है। “धर्मः सः न यत्र सत्यम् नास्ति’। जहॉं सच्चाई नहीं है, वहॉं धर्म नहीं है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो धर्म में प्रतिष्ठित हैं, वे सर्वज्ञ बन जाते हैं। सब कुछ उनको मालूम हो जाता है। उन्हें पढ़ने, लिखने, सीखने की जरूरत नहीं पड़ती। सत्य में प्रतिष्ठित होना सबके […]

होमवर्क

चिंतन खिड़की पर हाथ धरे चुपचाप व गुमसुम-सा बैठा है। किचन से मम्मी के काम करने की आवाजें आ रही हैं। सामने स्कूल-बैग पड़ा है। उसने उदास होकर बाहर की ओर देखा। पड़ोस के छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे हैं। कितनी बेफिाी है, उनके चेहरों पर। चिंतन सोच में पड़ जाता है कि ये बच्चे “होमवर्क’ […]

अनकहीद

रिक्शे की प्रतीक्षा करती हुई उसे प्रियंवदा आंटी खड़ी दिखाई दीं। उसने प्रणाम किया और अपने आने का कारण बता कर पूछा, “”आंटी, आशा कैसी है, अब तो उसने बी.ए. कर लिया होगा।” “”नहीं धरम, इसी वर्ष उसने इंटरमीडिएट पास किया है। तुम्हें बहुत याद करती है। चलो, उससे मिलकर चले जाना।” “”आज नहीं आंटी, […]

अर्धनारी नटेश्वर

अर्धनारी नटेश्वर

मानव बुद्घिमान प्राणी है, साथ में उसे भावपूर्ण हृदय भी मिला है, यह सृष्टि केवल एक संयोग है, ऐसा वह सहजता से नहीं मान सकता। सृष्टि के पीछे कोई निश्र्चित शक्ति काम करती है, ऐसा सतत् उसे महसूस होता है। उस सृष्टि चालक के स्वरुप और उसके साथ अपने संबंधों के बारे में वह हजारों […]

आस्तिक बनें, पाखंडी नहीं

आस्तिक बनें, पाखंडी नहीं

जीव अन्य क्षुद्र योनियों में से क्रमशः विकास करता हुआ मानव योनि के उच्च स्तर तक आ पाया है। अब उसे ऋषित्व एवं देवत्व की कक्षाएं पार करते हुए, ईश्र्वर का अनंत ऐश्र्वर्य प्राप्त करना है। यह कार्य अपूर्णताएं दूर करते चलने से ही संभव है। पूर्ण परमात्मा में पूर्ण जीवों का ही लय होता […]

संस्कृति और धर्म का मिला-जुला अनुष्ठान है श्राद्घ

भारतीय दर्शन में आवागमन की परंपरा है। किसी-किसी को मोक्ष प्राप्त होता है, लेकिन वह आध्यात्मिक जगत की बहुत ऊंची स्थिति होती है। श्राद्घपक्ष का संबंध जन्म-मृत्यु के आवागमन की परंपरा से है। हमारे धर्मशास्त्रों ने मनुष्य पर तीन ऋण बताए हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण। देव ऋण से मुक्ति होती है […]

रामेश्वर

रामेश्र्वरम स्थित रामनाथ स्वामी मंदिर भारत के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक यह मंदिर तीर्थयात्रा का विशेष स्थान माना जाता है। बनारस स्थित मंदिर की तरह यह भी पवित्र स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर रामायण और भगवान राम की विजय से भी जुड़ा है। […]

क्या सरदार भगतसिंह आतंकवादी थे

सरदार भगतसिंह को युवाओं का प्रेरणास्त्रोत माना जाता है, किन्तु हमारी सरकार के केन्द्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अपने एक प्रश्न–पत्र में आजादी के बाद सरदार भगतसिंह को आतंकवादी जैसे शब्द से सम्बोधित किया गया, जो आजादी के दीवानों और क्रांतिकारियों के इतिहास को कलंकित करता है। इतना ही नहीं, एनसीईआरटी की किताबों में तो […]

काली खांसी – कारण व लक्षण

काली खांसी – कारण व लक्षण

काली खांसी के रोगी द्वारा छींकने व खांसने से थूक की अत्यंत बारीक बूंदें हवा में फैल जाती हैं, ये बूंदें जीवाणुओं को फैलाने का काम करती हैं। इस रोग का व्यक्ति जब तक ठीक न हो जाये, संक्रामित ही रहता है और दूसरों को भी संक्रामित करता है। संक्रामित होने पर स्वस्थ व्यक्ति 15 […]

हॅंसी

हॅंसना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिससे शरीर में सकारात्मक रासायनिक परिवर्तन होते हैं। स्वच्छ और निर्मल हॅंसी का स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है। एक वयस्क दिनभर में दस बार भी नहीं हॅंसता, जबकि एक मासूम दिन में कम से कम चार सौ दफा मुस्कुराता है, हॅंसता है, खिलखिलाता है। सामाजिक जटिलताएँ इतनी बढ़ गई […]

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