नए शहर को बनाने का काम पेशवा मीर मोहम्मद मोमिन को सौंपा गया। उन्होंने बड़े जोश के साथ इस काम को संभाला। इसके लिए मीर ने खास तौर पर मीर अबु तलीब, कमाल-उद-दिन शिराजी और शहरयार जहां को ईरान से इस काम के लिए बुलाया। उनके आने से पहले ही गॉंव में खुदाई का काम […]
पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साल 22 अप्रैल, ईस्वी 571 को अरब में पैदा हुए। 8 जून, 632 ईस्वी को आपकी वफात हुई। होनहार बिरवान के चिकने चिकने पात। बचपन में ही आपको देखकर लोग कहते, “”यह बच्चा एक महान आदमी बनेगा।” एक अमेरिकी ईसाई लेखक ने अपनी पुस्तक में दुनिया के 100 महापुरुषों का उल्लेख […]
मन में एक विचार उठा कि ऐसी क्या बात है, जो हमारे भारत और भारतवासियों को सारे विश्र्व से अलग करती है। वह है हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार, हमारी सदियों से चली आ रही परंपराएँ, जो आज तक जीवित हैं। हमारे पूर्वजों ने हमें प्रेम, करुणा, अहिंसा, भाईचारा, एकता विरासत में दी है। विश्र्व की […]
जेल की कालकोठरी में, गदर पार्टी के प्रथम अध्यक्ष बाबा सोहन सिंह भक्ना ने एक दिन भगतसिंह से पूछा, “”भगतसिंह तुम्हारे रिश्तेदार मिलने नहीं आये?” भगतसिंह बोले, “”बाबा जी, मेरा खून का रिश्ता तो शहीदों के साथ है, जैसे- खुदीराम बोस और करतार सिंह सराभा। हम एक ही खून के हैं। हमारा खून एक ही जगह […]
प्रश्न : यह नक्शा मेरे गॉंव के मकान का है। चार वर्ष पहले हमने यह प्लाट खरीद कर इस मकान का निर्माण करवाया था। एक पंडित से विधिवत पूजा-पाठ तथा मकान में एक वास्तु शांति यंत्र स्थापित करके गृह प्रवेश किया था। इस मकान में रहना शुरू करने के करीब दो वर्ष के बाद मेरे […]
सेलिब्रिटीज का सौंदर्य हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। हर कोई मशहूर सेलिब्रिटीज की ही तरह खूबसूरत और आकर्षक बनना चाहता है, मगर ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि आजकल वह क्या करते हैं, जो इस कदर खूबसूरत बने रहते हैं। यहां हम कुछ मशहूर सेलिब्रिटीज की खूबसूरती का वह […]
हमेशा की तरह इस बार भी जैन सेवा संघ द्वारा सामूहिक क्षमापना सम्मेलन का आयोजन किया गया, परन्तु दिलचस्प बात यह रही कि इसी दिन एक अन्य सम्प्रदाय द्वारा तपोभिनन्दन कार्याम भी रखा गया। एक ही दिन दो अलग-अलग कार्याम एक साथ रखकर जैन सम्प्रदायों की दूरियां घटाने की बात हमें हास्यास्पद लगती है। तपोभिनन्दन […]
बरसात के मौसम में उमड़-घुमड़ कर बादल आते हैं, गरजते हैं और बरसकर चले जाते हैं। यह ही वह मौसम होता है जिसमें बिजली भी चमकती है और पोखरों, नालों और आस-पास के गड्डों में भरे पानी के कीचड़ में मेंढकों के झुंड के झुंड इकट्ठे होकर टर्र-टर्र की कर्कश आवाज में टर्राते रहते हैं। […]
देश के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में खुफिया-तंत्र की नाकामी को एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। इस नाकामी के चलते केन्द्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे पर अक्सर आरोप-प्रत्यारोप भी मढ़ती रहती हैं। इसी के चलते केन्द्र सरकार फेडरल एजेंसी गठित करने पर भी बल दे रही है। लेकिन राजनीतिक […]