मिस्टर नाथ के पुत्र श्याम जी की उम्र इस समय लगभग चौदह वर्ष है। श्याम जी इस समय कक्षा दस में पढ़ते हैं। श्याम जी के पिताजी एक सरकारी ऑफिसर हैं और माताजी एक गृहिणी। इसके अतिरिक्त श्याम जी की एक बहन है दीपा। वह अभी छोटी है फिर भी तेज बुद्घि की लगती है। […]
परम शान्तिमूर्ति, महान योगिराज, जगद्गुरु आचार्य सम्राट वे भोजन एक समय ही करते थे। अंतिम अवस्था में कभी-कभी मौसंबी का रस लिया करते थे। बाहरी उपयोग में भी दवा का प्रयोग नहीं करते थे। डॉक्टर बुखार देखते तो एक बगल में 120 डिग्री फैरेनह्नाइट पाते और थर्मामीटर टूट जाता और दूसरे बगल में सामान्य तापमान […]
ठीक छः वर्ष पश्र्चात धर्मेश आज फिर उसी रेलवे प्लेटफार्म पर अटैची हाथ में लिये टेन से उतरा था, जहां से अंतिम परीक्षा देकर अपने गांव लौटा था। बीते छः वर्षों में उसने कई जगह काम किए, लेकिन कहीं भी टिक न सका। इस महानगर से वह परिचित था। कई परिवारों से उसके अच्छे संबंध […]
परिवार परंपरा को प्रोत्साहित करने में ऋषियों का मंतव्य केवल इतना ही नहीं रहा कि व्यक्ति एक से अधिक होकर रहे, दुःख-तकलीफ पड़ने पर उसका हाथ बांटने वाला उसके साथ हो, व्यक्ति व्यवस्थित रूप में स्थायी होकर रहे और परिजनों के साथ अधिक उल्लासपूर्ण जीवन-यापन करे। इस मंतव्य के साथ उनका इससे कहीं एक ऊंचा […]
विश्र्वास-मत पर मात खाये वामपंथी दलों का न्यूक विरोधी तेवर अब ढीला हो चुका है। पहले की तरह अब वे समर्थन वापसी की बंदर-घुड़की से संप्रग सरकार को डराने की हैसियत में नहीं रह गये हैं। हॉं, यह और बात है कि वह अपने आंदोलन का लाल सिग्नल सड़क पर गाड़ कर इसे आगे न […]
कहने को तो महंगाई की मार चारों तरफ से पड़ रही है। साल भर में ही इसकी दर तिगुनी हो गई है। अतः अब इसे लेकर राजनीतिक परांठे भी सेंके जाने लगे हैं। महंगाई को लेकर जनता चाहे बेहाल हो जाए पर विरोधी पार्टियों की लाटरी निकल आती है। ऐसे समय में तो कई मरणासन्न […]
जनहित याचिकाओं के बारे में दिशानिर्देश तय करने के संबंध में जारी वाद-विवाद में सारे पहलुओं पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमें सन् 1982 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस तरह याचिकाओं के बारे में दी गई व्यवस्थाओं की भी अनदेखी की जा रही है। न्यायाधीश स्थानांतरण मामले के नाम से विख्यात […]
छत्रपति शिवाजी के सेनापति तानजी ने मुगल सेना के साथ भयानक युद्घ करते हुए सिंहगढ़ जीत लिया था। लेकिन इस युद्घ में वह खेत रहे थे। जब शिवाजी को गढ़ जीतने और सेनापति तानजी के मारे जाने का समाचार मिला तो उन्होंने दुखी होकर कहा, “गढ़ आला पन सिंह गेला’ अर्थात् किला तो जीत लिया […]
सम्भवतः लोग उस दुर्घटना को अब तक न भूले होंगे, जब एक बहुत विख्यात नेता की आकस्मिक मृत्यु यौनशक्तिवर्धक औषधि लेने से हो गई थी। वास्तविकता यही है कि बहुत अधिक धनाढ्य, विलासी प्रौढ़ व वृद्घ पुरुष जो कि प्रायः नयी कमसिन लड़कियों के साथ सुख और शारीरिक भोग की लालसा रखते हैं, आजकल यौनशक्तिवर्धक […]
ओलंपिक खेलों का जिक्र छिड़ते ही भारतीय खेल परिदृश्य बेहद धुंधला दिखने लगता है। यह आश्र्चर्यजनक दुर्भाग्य का विषय है कि 1 अरब 16 करोड़ से ज्यादा की आबादी के बावजूद हमें अभी भी ओलंपिक की किसी वैयक्तिक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक का इंतजार है। क्या इस बार यह प्रतीक्षा पूरी होगी? हर बार हम […]