कहा जा रहा था कि स्टार वन के नए कहे जाने वाले डांस शो जरा नच के दिखा के लिए चैनल इस बार न केवल उसके फॉरमेट में बल्कि उसके समूचे स्वरूप में बदलाव कर रहा है पर दिल्ली में जब उसने अपने जजों की घोषणा की तो उसमें सबसे पहले जज के रूप में […]
अंचित कौर को शायद कहानी और क्योंकि जैसे शोज में नेगेटिव किरदार करके चैन नहीं मिला। माने? माने यह कि अब एनडीटीवी इमैजिन के शो राजकुमार आर्यन में वे बकायदा एक चमत्कारी चुड़ैल की ऐसी भूमिका में आ गयी हैं, जो उनके लिए शबाना आजमी की मकड़ी की भूमिका की उपलब्धि जैसा है। हालांकि शो […]
शुावार-शनिवार रात साढ़े नौ बजे बिंदास चैनल पर शुरू हुए कार्याम बिंदास चैंप में प्यार, मित्रता व विश्र्वासघात के रंग ऩजर आएंगे। बाइक रेसिंग के रोमांच से जुड़ी इस कहानी में रोमांच और जुनून की बानगी है। कहानी में रोमांस का भी एंगल है, क्योंकि इसमें दो मित्र हैं और दोनों एक लड़की से प्यार […]
इधर, छोटे पर्दे पर तमाम धार्मिक धारावाहिकों का युग आ रहा है। एक ओर जहॉं एनडीटीवी पर रामायण का प्रसारण शुरू हुआ है, तो नाइन एक्स पर “जय मॉं वैष्णो देवी’, उधर सहारा वन भी माता वैष्णो देवी पर केंद्रित “माता की चौकी’ लेकर आ रहा है। नाइन एक्स पर धीरज कुमार “जय मॉं वैष्णो […]
अंधेरे की चादर में लिपटी बारिश की बूँदें अब रिमझिम फुहार में तब्दील हो चुकी थीं, मगर मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था। चाय की प्याली में अब कुछ ही घूँट और बचे थे। मैं एकटक गली के नुक्कड़ पर देख रहा था, पिछले चालीस मिनट से। औंधे मुँह बेसुध सड़क पर पड़ा वह शराबी […]
व्यक्ति अपने भाग्य का स्वयं निर्माता होता है। इस आधार पर वह स्वयं संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। व्यक्ति का कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण करता है। शबरी के समर्पित कर्म ने उसे भक्ति की पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया था। वह दलित महिला थी, किंतु कर्मयोगी थी। शिवरीनारायण (छत्तीसगढ़) की पावन धरती उसका कर्मक्षेत्र […]
प्रत्येक वस्तु चाहे वह सजीव हो या निर्जीव, उन्हें चलना ही है। उन्हें विश्र्व ब्रह्माण्ड की चा-नाभि से चलना है और फिर वहीं पहुंचना है। इस यात्रा में प्रत्येक मनुष्य को यह स्मरण रखना है कि उसे बाह्य जगत, भौतिक परिवेश और अन्तर्जगत, अन्तः प्रेरणा के बीच सन्तुलन बनाते हुए चलना है। उसे यह बात […]
अतः यह सिद्घ होता है कि “भागवत’ के सत्संग-संवाद प्रायः रहस्यात्मक एवं तत्व परक ही हैं। निश्र्चित रूप से इसके समाधि-योग में सगुण-ध्यान का ही निर्देश किया गया है, यही स्थान सत्संग-सेवाओं का है, जिसमें लीलाचरित पहले है, तत्व-जिज्ञासा बाद में। सगुण-रूप ध्यान सिद्घ होने पर मन उसमें स्थिर होता है, तथापि “भागवत’ में यह […]
शालू अपने सामने बैठे राजेश को ध्यान से देख रही थी। उसे राजेश की आँखों में कुछ अलग-सा सम्मोहन महसूस हो रहा था। वह सोच रही थी कि यही वो आँखें हैं, जो उसे हमेशा सपने में दिखाई देती हैं। अब उसे सब कुछ याद आने लगा। बाईस वर्ष पहले के राजेश और आज के […]
ऐसे बहुत से मुद्दे अभी शेष हैं, जिन पर महिलाओं और पुरुषों का नजरिया भिन्न है या आपस में टकराता भी है। लेकिन एक जगह है, जहां वह एक ही पायदान पर खड़े हुए हैं- बतौर एक ही टीम के सदस्य के उनमें तालमेल बड़ा जबरदस्त बैठता है। यह स्थिति चाहे क्रिएटिव क्षेत्र में हो या कार्पोरेट […]