अभिनय भी करती हैं महिलाएँ सेक्स के दौरान

अभिनय भी करती हैं महिलाएँ सेक्स के दौरान

सर्वविदित है कि यौन सुख पाने के लिए सेक्स के समय कामोत्तेजना एवं चरमोत्कर्ष का कितना महत्व है। देखा जाये तो इनके अभाव में सेक्स का कोई मायने ही नहीं रहता। किंतु कई महिलाएँ अनेकों बार यौन क्रिया के दौरान कामोत्तेजना एवं चरमोत्कर्ष का अभिनय मात्र करती हैं। उनका साथी इस नकली योनोत्तेजना अर्थात अभिनय को […]

अथ श्री भीड़ महात्म्य

बंधुओं… वह क्या है कि अपने भारत महान को यदि थोड़ा गंभीरता से ताड़ें, तो एक सच आसानी से पा जाएँगे कि अपना इंडिया दि ग्रेट एक “भीड़ प्रधान’ देश है। जरा निज नैनन से बिलोकें, तो इस सत्य के दर्शन कमजोर से कमजोर दृष्टि वाले को, गंभीर से गंभीर नंबर का चश्मा धारण करने […]

साप्ताहिक धारावाहिक

चौदहवें दिन भव्य समारोह का आयोजन किया गया। काजी ने कुरान देखने के बाद सुल्तान से बच्ची का नाम रखने को कहा। कुली ने उसका नाम रखा हयात ब़क्शी यानि जीवन देने वाली। इस नाम का मतलब ईश्र्वर या अल्लाह नहीं बल्कि इसका मतलब है कि वह जो अपने सम्पर्क में आने वाले हर इंसान […]

एम्सटर्डम कला संग्रहालयों का शहर

एम्सटर्डम कला संग्रहालयों का शहर

एम्सटर्डम नीदरलैंड की राजधानी और यहां का सबसे बड़ा शहर है। एम्सटेल नदी इसके बीचोंबीच से होकर बहती है, जो शहर को दो हिस्सों में बांटती है। एम्सटेल नदी के कारण ही इस शहर का नाम एम्सटर्डम पड़ा। एम्सटर्डम नीदरलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक और औद्योगिक उत्पादक शहर होने के साथ-साथ यहां की बैंकिंग व्यवस्था […]

वोट-बैंक एवं विदेशी निवेश का मोह ले डूबेगा विकास को

महंगाई के मुद्दे पर सरकार लगातार समन्दर में गोते लगा रही है। विश्र्व बा़जार में तेल के मूल्य में वृद्घि होने पर सरकार ने उपभोक्ता का बोझ बढ़ाने की बजाए सरकारी तेल कंपनियों को आदेश दिया कि वे तेल के मूल्य को पूर्ववत् बनाये रखें। तेल कंपनियों को विश्र्व बा़जार से महंगा तेल खरीद कर […]

सवालों से घिरी एक जीत

संसद में मनमोहन सरकार द्वारा प्रस्तावित मतदान के कुछ पहले क्षणों तक विश्र्वास यही जताया जा रहा था कि पक्ष-विपक्ष का बलाबल लगभग समान है। ऐसी स्थिति में संभावना यही व्यक्त की जा रही थी कि हार-जीत का संख्या-गणित बहुत कम होगा। लेकिन जब परिणाम घोषित हुआ तो उसे हर किसी ने इस लिहाज से […]

लोकतंत्र की लंगोट

किसी देश के किसी प्रांत की किसी राजधानी में एक विधानसभा थी। विधानसभा वैधानिक कार्यों के लिए थी मगर प्रजातंत्र का आनंद था। सभी तरह के कार्य आसानी से और बिना रोक-टोक के सम्पन्न होते रहते थे। ऐसे ही एक दिन विधानसभा की बैठक के दौरान एक माननीय सदस्य ने एक सुरक्षा कर्मचारी की पैंट […]

जीवन गीता

बुद्घ की मृत्यु का कारण था एक गरीब लोहार। उसने बुद्घ को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित किया। बिहार में कुकुरमुत्ते वर्षा के दौरान भारी मात्रा में उग आते हैं। गरीब लोग कुकुरमुत्ते को सुखाकर रखते हैं और उसकी सब्जी बनाते हैं। उस लोहार ने बुद्घ को कुकुरमुत्ते की सब्जी खिलाई। कई कुकुरमुत्तों में […]

असंभव नहीं है भ्रष्टाचार उन्मूलन

भ्रष्टाचार आज हमारी जीवनशैली बन गया है। इसे दिन-प्रतिदिन के जीवन का सामान्य अंग मान लिया गया है। अब तो बस कहने भर के लिए भ्रष्टाचार की निन्दा-भर्त्सना की जाती है। कोई सोचना भी नहीं चाहता कि इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है। कोई असरदार प्रयास होता भी कहीं नजर नहीं आता। गत दशकों […]

सद्गुरु की महिमा

गुरु वह है, जो शिष्य के जीवन में व्याप्त अंधकार को ज्ञान से दूर करता है। अतः सद्गुरु चन्द्रमा की भांति हो जाता है। मनुष्य चिंताओं के बोझ से काफी लदा हुआ है। अतः चिन्ता-मुक्त होने के लिए उसे भक्ति के मार्ग की ओर बढ़ना होगा। गुरु में इतना विवेक अवश्य होना चाहिए कि वह […]

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