हम आदि सनातन धर्म के लोग तो पुनर्जन्म को मानते हैं, परन्तु आज कुछ धर्मों के लोगों का यह मन्तव्य है कि एक जन्म लेने के बाद मनुष्य दूसरा जन्म नहीं लेता, बल्कि वह “कब्र दाखिल’ ही रहता है। जब कयामत अथवा महाविनाश का समय आता है तब परमात्मा आकर उसे कब्र से निकालते हैं […]
परम शान्तिमूर्ति, महान योगिराज, जगद्गुरु आचार्य सम्राट भारत-भूमि महान् ऋषि-मुनियों द्वारा की गयी आत्मसाधना, त्याग और तपस्या के तेज से दैदीप्यमान है। हर युग में किसी ऐसी भव्य आत्मा का जन्म होता है, जो अपनी आत्मा और महानता से समस्त विश्र्व को आलोकित कर देती है। समय-समय पर हमारे देश में महान संत अवतरित हुए […]
स्कूल के वार्षिकोत्सव की भीड़-भाड़ से जब मैं बाहर निकला, तब विनीत भाव से हाथ-जोड़कर खड़े पं. गेंदालाल को मैं कुछ देर तक पहचान नहीं पाया। बीस साल का अरसा काफी बड़ा होता है। फिर इस रूप में मैं कभी पं. गेंदालाल की कल्पना नहीं कर सकता था। उनके सिर और दाढ़ी के बाल खिचड़ी […]
इंडिया हेल्थ केअर लिमिटेड का उत्पाद टाइगर बाम सभी प्रकार की शारीरिक पीड़ाओं- सिरदर्द, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द तथा मांसपेशियों में जकड़न इत्यादि में राहत पहुँचाता है। इसके अतिरिक्त, यह बाम खेल-कूद से संबंधित चोटों में भी उपयोगी रहता है। इसकी अनोखी रेसिपी में नाना प्रकार की जड़ी-बूटियों और औषधियों का मिश्रण रहता है। […]
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा रैपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों ने अपनी सावधि जमा पर ब्याज की दर बढ़ाने के निर्णय लेने शुरू कर दिये हैं, परन्तु सावधि जमा पर अधिक ब्याज के बावजूद पीपीएफ अभी भी लोगों की बचत को सुरक्षित रखने व ज्यादा ब्याज दिलवाने के लिए आकर्षक समझा जा रहा है। […]
छुट्टियों में घूमने-फिरने जाने वाले 100 लोगों से बात करिये तो करीब 90 लोगों का अनुभव यही होगा कि उनकी आधी से ज्यादा छुट्टी घूमने-फिरने की व्यवस्था करने में ही गुजर गयी। जी, हॉं! एक सर्वेक्षण के दौरान यह हकीकत उभर कर सामने आयी है कि सैर-सपाटे के लिए ली गई छुट्टियों में से आधी […]
पश्र्चिम एक्सप्रेस थोंदला रोड़ की सुरम्य घाटी से सर्पाकार हो गु़जर रही थी। किन्तु उनका मन घाटी के नैसर्गिक सौन्दर्य का पान करने की बजाय मेघनगर स्टेशन पर विदा देने आये उनके साथी निहार सिंह की बातों में ज्यादा रम रहा था, “”मास्टरजी, तुम बहुत भाग्यशाली हो, तुम्हारा लड़का बहुत बड़ा इंजीनियर है। अब तुम […]
“दानवेन्द्र महाबली राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर अपनी कुटिया के लिए तीन पग भूमि की याचना की। महादानी बलि ने याचक को पहचान कर और उसके आशय को जान कर भी निःसंकोच यह दान दे डाला। वामन रूप हरि ने दो पग में संपूर्ण पृथ्वी और आकाश नाप कर तीसरा […]
भारतीय इस देवत्व को जगाए रखने के वैदिक विधान जानते और मानते हैं। इसीलिए अपने भारत को देवभूमि कहा जाता है। यहां के कण-कण में दैवी-शक्ति संचारित रहती है। व्यष्टि और समष्टि की चेतना में देवत्व जागृत रहता है। यह इसलिए होता है कि परम्परा से वैदिक विद्या दैनिकता में व्यावहारिक तौर पर चली आ […]
भगवान महावीर के जन्म के समय सामाजिक तथा राजनैतिक क्षेत्र बहुत ही संकुचित था। शूद्रों को पशुवत जीवन बिताना पड़ता था। नारियों की स्थिति भी बहुत दयनीय थी। हर अधिकार से वंचित उन्हें घर की चारदीवारी में बंद रहना पड़ता था। समाज में भेदभाव की स्थिति बनी हुई थी। यज्ञ करने का अधिकार समाज के […]