रूल्स आर फॉर फूल्स!

सरकार का मानना है कि सरकार नियम और कानून के सहारे चलती है, लेकिन नौकरशाही का मानना है कि नियम-कायदे केवल मूर्खों के लिए होते हैं, बुद्घिमानों के लिए नहीं। बुद्घिमान इनका तोड़ ढूँढ़ ही निकालते हैं। इसलिए नियम-कानून आम जनता पर लागू होते हैं, नौकर-शाहों और बाहुबलियों पर नहीं। सरकार नियम-पुस्तकों में दिये गये […]

नासूर बनती नाकामी

यह लाचारी की पराकाष्ठा है कि बार-बार एक ही सवाल पूछा जाय और जवाब दे पाना संभव न हो। मगर पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की स्थिति ऐसी ही है। मई महीने में जब जयपुर में श्रृंखलाबद्घ कई बम धमाके हुए और 80 से ज्यादा लोग मारे गए तो कहा गया कि यह खुफिया एजेंसियों की चूक […]

लड़खड़ाती अमेरिकी अर्थव्यवस्था का वैश्र्विक संकट

अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक गंभीर संकट से गुजर रही है। हाल ही में 15 सितम्बर को अमेरिका की चौथी सबसे बड़ी इनवेस्ट कंपनी लीमेन ब्रदर्स का दिवाला पिट गया। उसका दिवालिया होना अमेरिका के वित्तीय इतिहास का एक काला अध्याय माना जा रहा है। 158 साल पुरानी यह कंपनी विश्र्वयुद्घ से लेकर मंदी के कई भयंकर […]

कांग्रेस में नेताओं की खोज

युवा सांसद एवं कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी ने व्यवस्था की है कि युवक कांग्रेस की सदस्यता लेने के लिए अब कांग्रेस के किसी भी कार्यालय में जाने की ़जरूरत नहीं पड़ेगी। देश में कहीं भी कोई भी युवा, सदस्य बनने के लिए इंटरनेट पर सदस्यता ग्रहण कर सकता है। इंटरनेट पर सदस्यता फार्म […]

अपना अस्पताल

ज्योतिषियों की कहूँ तो राहु-केतु की टेढ़ी आँखों की कुदृष्टि थी। डॉक्टरों की मानूँ तो लापरवाही थी। जो भी हो, शरीर में भूचाल-सा आ गया था। मैं दर्द से बेतहाशा बिलखने लगा था। मुझे लगा कि मेरे शरीर के भीतर सैकड़ों कॉंटें चुभ रहे हैं। मुझे लगा कि मैं कॉंटों की वादी में पहुँच गया […]

ईर्ष्या की अग्नि जला देती है मन

जिस प्रकार अग्नि लकड़ी को जला देती है, उसी प्रकार ईर्ष्या भी मनुष्य जीवन की सारी खुशी, सारे उमंग को जला देती है। ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों के लिए तो क्या जी पायेगा, उसका सारा जीवन अपने लिए ही अभिशप्त हो जाता है। वर्तमान युग में तो यह एक असाध्य रोग के समान फैल गया है। […]

विचित्र परंपरा वाला गोलू देवता मंदिर

कुमाऊं का सबसे प्राचीन नगर अल्मोड़ा समुद्री सतह से 5,400 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। सन् 1563 में चंद्रवंशीय शासक बालो कल्याणचंद ने आलमनगर नाम से इस नगर को बसाया था, जो बाद में अल्मोड़ा हो गया। अल्मोड़ा को मंदिरों की भूमि भी कहा जाता है। यहॉं 600 से 1200 वर्ष प्राचीन शिव, दुर्गा […]

विश्वकर्मा ने की थी दाऊ जी मंदिर की रचना

पौराणिक संदर्भों के अनुसार यह माना जाता है कि भादो मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ब्रज के बलदेव जी का जन्म हुआ था। ब्रज के श्रीबलदेव ग्राम में स्थित दाऊ जी के मंदिर में इस अवसर पर विशेष कार्याम आयोजित किया जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना कृष्ण के प्रपौत्र […]

सावन अति मनभावन

वर्षा की रिमझिम फुहार हरी चूनर ओढ़े धरती पर पड़ती है तो लगता है कि इस पर किसी ने मोती जड़ दिए हैं। बागों में पक्षियों का कलरव, आकाश में उमड़ते-घुमड़ते बादल मन में नयी उमंग पैदा करते हैं। बाग-बगीचों, चौबारों और घरों में झूले पड़ जाते हैं। वातावरण में वर्षा, संयोग-वियोग, हंसी-मजाक भरे गीत […]

जैव-विविधता विनाश और भोजन का संकट

वे दिन अभी स्मृति से लुप्त नहीं हुए हैं, जब गॉंवों में पहली बारिश के साथ ही बिना किसी मानवीय उपाम के खेतों की बाड़ें और घरों की दीवारें व छतें आहारदायी वनस्पतियों से लद जाया करती थीं। बहुत जरूरी हुआ तो कोठे की किसी मियार से लटकी पोटली में संभाल कर रखे बीज दीवार […]

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