माना कि डिंपल किसी की भी खूबसूरती की निशानी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि असल में ये एक तरह का दोष है। चेहरे की मॉंसपेशी जब किसी कारणवश छोटी या कम पड़ जाती है तो हॅंसते वक्त चेहरे को थोड़ा खींचना पड़ता है। और ऐसी स्थिति में गालों में डिंपल पड़ते हैं […]
कुछ लोग खूब आलू के समोसे और पिज्जा-बर्गर खाने के बावजूद मोटे नहीं होते जबकि कुछ अपने खानपान का ध्यान न रखें तो उनकी चर्बी सारी कहानी बयां कर देती है। मोटापा घटाने के लिए कुछ लोग लगातार जिम में पसीना बहाते हैं जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी सेहत पर जंक फूड भी […]
सौ वर्ष पहले जब चेकोस्लोवाकिया के एक गांव के पादरी ग्रेगोर मेंडल ने फूलों वाली मटर में संकरण करके तरह-तरह के रंग वाले फूल पैदा किए एवं वंशगति के नियम बनाकर आनुवंशिकी की नींव रखी, तब उन्हें क्या पता था कि इसी आनुवंशिकी के गर्भ से उपजी बायोटेक्नोलॉजी फूलों के रंग बदलने में माहिर हो […]
दोस्तों, तकरीबन दुनिया के हर बड़े शहर में रेसकोर्स मौजूद है। जिन्हें देखने के बाद यह सवाल पैदा होता है कि आखिर घुड़दौड़ की परंपरा कब आरंभ हुई होगी? घोड़ों को रेस के लिए इस्तेमाल करना इंसान का सबसे पुराना खेल है। घुड़दौड़ प्राचीन समय में भी की जाती थी। मिस्र, बेबीलोनिया और सीरिया में […]
“बाबा, यह आप स्विच बोर्ड क्यों लिए बैठे हैं?’ “एक सवाल तैयार किया है।’ “कैसा सवाल?’ “इस स्विच बोर्ड में मैंने तीन स्विच लगाये हैं जैसा कि तुम देख रही हो।’ “ठीक है।’ “लेकिन इनमें से सिर्फ एक ही काम करता है। जो स्विच काम करता है, उससे तहखाने में फिट किया गया बल्ब जलता […]
एक सदाबहार मनमोहक जंगल था। उसके एक तरफ ऊँचा पर्वत था, जिससे एक सुंदर-सा झरना निकलता था, जो आगे चलकर एक पहाड़ी नदी में बदल गया था। उस जंगल में ऊँचे-ऊँचे विशाल वृक्ष थे। जंगल के बीच में हरी-भरी घास का एक बहुत बड़ा मैदान था। उस जंगल में एक ओर जहॉं हिरण, नीलगाय, जिर्राफ […]
आरुणि धौम्य ऋषि का अत्यंत आज्ञाकारी शिष्य था। एक बार गुरु ने उसे रात में खेत में पहरा देने भेजा। उसने देखा कि खेत की मेड़ टूटने से उसमें पानी भीतर आ रहा है। उसे और कोई उपाय न सूझा तो बहते पानी को रोकने के लिए स्वयं ही मेड़ बनकर लेट गया। यही गुरुभक्त […]
दुनिया के 43 करोड़ से अधिक लोगों की इंटरनेट तक पहुँच हो चुकी है। अमेरिका और कनाडा इसमें काफी आगे हैं। दुनिया में जितने भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं उसमें से 41 प्रतिशत तो सिर्फ इन्हीं देशों के हैं। यूरोपीय देशों में ब्रिटेन और जर्मनी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले देशों में आगे […]
पर्व युगों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं, प्रथाओं, मान्यताओं, विश्र्वासों, आदर्शों, नैतिक, धार्मिक तथा सामाजिक मूल्यों का वह प्रतिबिंब है, जो जन-जन के किसी एक वर्ग अथवा स्तर विशेष की झॉंकी प्रस्तुत नहीं करते, अपितु असंख्य जनता के अदम्य जीवन और जीवन के प्रति उत्साह का साक्षात् एवं अन्तःस्पर्शी आत्म-दर्शन कराते हैं। इसके अलावा […]
भारत देश सनातन वेदकालीन संस्कृति संपन्न देश है। तपस्वी संतों ने इसे सुसंस्कृत और सुसंपन्न बनाया। वेद-पुराण की रचना कर मानव-जाति का कल्याण किया। भारत में विभिन्न भाषाएं, धर्म-पंथ व जातियां होने के उपरांत भी उन सबमें एकता झलकती है। और यह एकता त्योहारों व पर्वों के अवसर पर दिखाई देती है। हिन्दू-धर्म में हर […]