उपासना का अर्थ है- परमेश्र्वर के पास बैठना। हम जब अपनी शुद्घ भावनाओं को पूर्ण श्रद्घा के साथ अपने ईश्र्वर को अर्पित करते हैं तो वह उपासना कहलाती है। इस प्रकार ईश्र्वर का ध्यान करके एवं प्रार्थना करके हम उसके समीप हो जाते हैं। ईश्र्वर के पास पहुंचने के लिए जो िाया हम अपनाते हैं, […]
मेरा नाम अमीर अली है। उम्र 75 साल। मैंने दुनिया की बहुत गर्मी-सर्दी देखी है। पिछले लगभग चालीस साल से मैं एक ही घर में घरेलू नौकर के रूप में काम करता रहा हूँ। मेरे मालिक का नाम तराब फारूखी था। वह बहुत अच्छे सितार वादक थे और उससे भी अच्छे इंसान थे। गांव में […]
पुराण प्रसिद्घ भगवान बदरी विशाल अनादिकाल से बदरीधाम में विराजते हैं। प्राचीन काल में जैसे-जैसे हिन्दू राजा पहाड़ों की ओर बढ़ते गये, वैसे-वैसे वे अपने प्रभुत्व एवं पूर्व-स्थायित्व को बरकरार रखने के लिए श्रीबदरीनाथ जी की मूर्ति स्थापित करते गये। वे राजा श्रीबदरीनाथ जी को अपने इष्टदेव के रूप में पूजते थे। इनमें पंचबदरी प्रमुख […]
महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों में स्थित शिक्षा संस्थानों में भी पढ़ाई के लिए हॉस्टलों में या किराये का मकान लेकर अपने जैसे दूसरे छात्रों के साथ रहना पड़ता है। यंग जेनरेशन के जीवन में यह दौर काफी कठिनाई भरा होता है। अपने घर से बाहर के माहौल में दूसरों के साथ रहना, […]
1998 में भारत सरकार ने कंप्यूटर का महत्व समझा और देश के सभी सांसदों के लिए कंप्यूटर सीखाने की संसद से एक अपील की गई। हालांकि सांसदों के लिए यह बाध्यता नहीं थी कि वह कंप्यूटर सीखें, तभी संसद सदस्य रह पाएंगे। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि 10 साल पहले सरकार और संसद […]
शादी हिन्दुस्तानी घरों में हमेशा से सबसे बड़े खर्चे का कारण रही है। आज भी है, लेकिन पहले ये महज समारोह थी, लेकिन अब यह एक बड़ा कारोबार भी है। जी, हां! आज भारत में हर साल सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का शादी-ब्याह का कारोबार है। पहले शादियां घर-परिवार की ही जिम्मेदारियां थीं। […]
पड़ोसी नेपाल का वर्तमान घटनाचा भारत सहित दुनिया भर के लिए हैरत का विषय बना हुआ है। तीन महीने के राजनीतिक गतिरोध के बाद किसी प्रकार राष्टपति, उपराष्टपति एवं संविधान सभा सह संसद के सभापति का चुनाव हुआ और उसके बाद फिर उपराष्टपति के धोती-कुर्ता पहनकर हिन्दी में शपथ लेने के विरुद्घ हिंसक आंदोलन आरंभ […]
अंतिम दम तक महाभियोग का सामना करने का दम भरने वाले पाकिस्तान के राष्टपति परवे़ज मुशर्रफ ने अंततः अपने हथियार डाल दिये। राष्टपति पद से दिया गया उनका इस्तीफ़ा पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार की विजय मानी जाएगी। क्योंकि 1999 में मुशर्रफ ने ऐसी ही एक लोकतांत्रिक सरकार को एक रक्तहीन सैनिक कार्यवाही के जरिये अपदस्थ […]
पीडीपी नेत्री महबूबा मुफ्ती ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान) कूच की बात कर कश्मीर के लोगों को उकसाया तथा कूच का आठान कर देशद्रोह का काम किया है। हम सरकार से मॉंग करते हैं कि महबूबा मुफ्ती और इस तरह जो दूसरे नेता जनता को सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं, उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलावे […]
7 अगस्त के “मिलाप’ का संपादकीय- “सच्चाइयों का आईना’, पढ़कर मन विक्षुुब्ध हो उठा। शायद ही किसी देश के सर्वोच्च न्यायालय को ऐसी टिप्पणी करनी पड़ी हो कि इस देश को भगवान भी नहीं बचा सकता। जरा कल्पना कीजिए, हमारे उच्च न्यायालय के समर्थ न्यायाधीश महोदय के विवशता की, जिन्हें सरकार के निकम्मेपन व अकर्मण्यता […]