वह इतना हंसमुख था कि उसका नाम ही मनमोहना पड़ गया। परिवहन विभाग में क्लर्क की नौकरी उसे रास आ गई थी, सारा विभाग किसके दम पर चलता है, किसी से छिपा नहीं है। यहां छोटे से छोटा काम भी बिना पैसे के नहीं सरकता। यदि सुविधा-शुल्क नहीं तो समयानुसार कार्य भी नहीं। इतने चक्कर […]
“श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है। यह एक धार्मिक प्रकाश पुंज है, जो अपनी काव्यात्मक रचनाओं द्वारा महानतम विचारधाराओं को समस्त मानवों तक पहुँचाता है। गुरुग्रंथ साहिब के उपदेश व्यक्ति को आध्यात्मिकता के ऊँचे स्तर तक उठने की प्रेरणा देकर उसे परमपिता परमात्मा में मिला देते हैं। यह कहा जा सकता […]
न्यूक डील एक बार फिर नये विवाद में उलझ गई है। इस विवाद ने एक बार फिर भारत सरकार और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्थिति को असहज बना दिया है। उन पर दायें बाजू की भाजपा और बायें बाजू के वामपंथियों का हमला एक साथ फिर शुरू हो गया है। बात बस इतनी है […]
म्यांमार के बारे में ताजा खबर है कि वहॉं की सैनिक सरकार ने वहॉं की लोकप्रिय नेता सू ची की ऩजरबंदी की अवधि एक वर्ष और बढ़ा दी है। म्यांमार में हाल में आये समुद्री तूफान “नर्सिंग’ की त्रासदी के बाद वहां का युवा वर्ग और वहां के बौद्घ भिक्षु यह सोचने को मजबूर हो […]
फ्रांस-स्विट्जरलैंड की सीमा पर स्थित यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) के मुख्यालय पर बीती 10 सितंबर को जैसे ही सुबह के 9:30 बजे, वैसे ही जमीन के 100 मीटर नीचे मानव इतिहास का सबसे बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग शुरू हो गया। अगर यह प्रयोग सफल हो जाता है, तो ब्रह्मांड के बारे में विशेष रूप […]
गरीबी और महंगाई चक्की के ऐसे दो पाट हैं जिनके बीच लगातार करोड़ों लोग पिसते जा रहे हैं। दिनों दिन बढ़ती महंगाई और गरीबी की मार झेलते सिर्फ भारत के ही नहीं दुनिया भर के लोग परेशान हैं। खाने की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों की वजह से फिलीपींस, मिस्त्र, बांग्लादेश, आीका, अमेरिका आदि कई देशों […]
“15 अगस्त, 1947′ आ़जादी प्राप्ति के दिन एक पौधे का रोपण यह सोचकर किया गया कि इस बरगद के समान हमारी आजादी प्राप्ति की राह विकसित, प्रफुल्लित एवं सुखद होकर राष्ट को विकसित करेगी। यह बरगद पौधे से वृक्ष बन चुका था। परंतु एक दिन वह अचानक अपनी जड़ों सहित उखड़कर स्वयं गिर गया। इससे […]
आ़जादी की सालगिरह फिर आ गई है। साठ सालों से आ रही है। आती रहेगी। साठा सो पाठा। लेकिन इन साठ वर्षों में आ़जादी के रखवालों की बुद्घि चली गई है। साठ साल के प्रजातंत्र में नोट तंत्र तक पहुँच गये हैं। नोटम् नमामि की स्थिति आ गई है। देश ने इन वर्षों में बड़ा […]
पिछले कुछ सालों में भारत की खूबियों को लेकर विश्र्व स्तर पर कई सर्वे हुए हैं। बीबीसी, एसोसिएटेड प्रेस और अमेरिकन फॉरेन पॉलिसी जैसे मीडिया समूहों/संस्थानों ने भारत के बारे में दुनिया के लोगों की जो राय जानी है, उन सभी में फिदा एक मत से भारत की दो खूबियों पर दुनिया के लोग हैं। […]
मुल्क अपनी आ़जादी की बासठवीं दहलीज पर खड़ा है। उसकी एक आँख में कुछ चमकते सुनहरे सपने हैं, तो दूसरी आँख में पथराया हुआ धुआँ। हम दोनों ही हकीकतों को एक साथ जी रहे हैं। सपनों की ताबीर हमने उसी समय शुरू कर दी थी जब मुल्क गुलाम था और अपनी आ़जादी के जद्दोजहद से […]