क्या कहने पंगारा के

सुगंध बिखेरती, मन लुभावनी शाम को उद्यान के आसपास या गॉंव की गलियों में जब आप चहल-कदमी करने निकलें, तो पंगारा के लाल रंग के फूलों की जीवंत आभा आपको मंत्रमुग्ध कर लेगी। पंगारा में जब फूल खिलते हैं, तब एक आकर्षक दृश्य निर्मित हो जाता है। गुच्छों में लगे गहरे लाल रंग के फूलों […]

पानी को उबाल कर पीना क्यों उपयुक्त रहता है?

दरअसल, स्वच्छ पानी ही अच्छे स्वास्थ्य का सूचक होता है। यदि तुम समुचित तरीके से शोधित एवं स्वास्थ्यकर पानी पीते हो तो जलजनित रोगों जैसे – डायरिया, हैजा, हैपेटाइटिस और टाइफाइड से अपने आपको दूर रख सकते हो। पानी को उबाल कर पीने से इसमें निहित जीवाणु, वायरस एवं “अणुकण’ तत्व साफ हो जाते हैं। […]

एक बूँद स्याही की करामात

“”ए डॉप ऑफ इंक मे मेक ए मिलियन थिंक” का सीधा अर्थ तो यही है कि एक बूँद   स्याही से जो कुछ लिखा जाए वह अनेक पाठकों को प्रेरित कर सकता है। उनमें नई प्रेरणा, नई आशा, नई शक्ति, स्फूर्ति एवं साहस भरकर उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त कर सकता है। लेकिन वृहत तौर पर […]

बिना डाइवर चलेगी कार

कनाडा के अपलानिक्स कारपोरेशन के राबर्ट मैक कुएग एवं ौंक आरतेस ने टैफिक टैक्नॉलाजी इंटरनेशनल के एक अंक के हवाले से कहा है कि कार में बैठने वाले को केवल गंतव्य स्थान के बारे में बता देना होगा और कार चल पड़ेगी। फिएट ऑटो के उपाध्यक्ष के अनुसार 2050 ई. तक कार चलाने के लिए […]

बादशाह की पहेली

बादशाह अकबर को पहेली सुनाने और सुनने का काफी शौक था। कहने का मतलब यह कि पक्के पहेलीबाज थे। वे दूसरों से पहेली सुनते और समय-समय पर अपनी पहेली भी लोगों को सुनाया करते थे। एक दिन अकबर ने बीरबल को एक नई पहेली सुनायी, “”ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन, मध्य-मध्य खरबूजा। मौं छुरी से काटे […]

पूँछ….कैसी-कैसी

दोस्तों, आपसे यदि कोई कहे कि कुछ जंतु पूँछ के बल खड़े हो सकते हैं, तो शायद आपको विश्र्वास न हो। लेकिन यह सच है। ऑस्टेलिया में पाया जाने वाला कंगारू कुछ क्षणों के लिए ऐसा कर सकता है। जब दो नर कंगारू आपस में लड़ जाते हैं तो लड़ाई के दौरान वे एक-दूसरे के […]

तुलसी का बिरवा

सूरज आकाश में चढ़ आया था। गदबदे सुंदर बालक-सी सुहानी लगने वाली ठंड, अब बाप के घर से ससुराल जाने वाली नवोढ़ा की तरह माहौल से विदा ले चुकी थी। रास्ते में राकेश को सामने आता देख मोहन हुमक कर उसके गले लिपट गया “”बहुत दिनों बाद मिल रहे हो यार?” “”हॉं, पिछले महीनों बहुत […]

पद्मनाभा एकादशी व्रत-कथा, महत्व एवं फल

पद्मनाभा एकादशी व्रत-कथा, महत्व एवं फल

भविष्य पुराण के अनुसार आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। कहीं-कहीं पर इस तिथि को “पद्मनाभा’ भी कहते हैं। इसी दिन से चौमासे का आरम्भ माना जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु क्षीर सागर में शयन करते हैं। इस दिन उपवास करना चाहिए। श्री हरि विष्णु की […]

ज्ञान सागर भरता नहीं

आदि शंकराचार्य एक बार समुद्र के किनारे बैठे हुए थे, उनकी नजर समुद्र पर टिकी हुई थी, उनके साथ उनका शिष्य समुदाय भी था, जिससे बातचीत चल रही थी। अचानक एक शिष्य ने अपनी तरफ गुरु का ध्यान आकर्षित करने के लिए चाटुकारिता भरे शब्दों में पूछा, “”गुरुदेव! आपने इतना अधिक ज्ञान कैसे हासिल किया […]

अपने-अपने दुःख

सब जानते हैं कि यह संसार दुःख-सुख का संगम है। दिन के बाद रात और रात के बाद दिन की भांति सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख मनुष्य के जीवन में आते रहते हैं। होनी को भी सब मानते हैं। भाग्य, प्रारब्ध और मस्तक की रेखाओं में भी लोग साधारणतया विश्र्वास करते […]

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