अलगाववादियों की भारत विरोधी मुहिम

क्या आप इसकी कल्पना भी कर सकते हैं कि हमारे देश में खड़ा होकर कोई “भारत की मौत आई, लश्कर आई लश्कर आई’, “जियो-जियो पाकिस्तान’ का नारा लगाए और हमारी पुलिस, अर्धसैनिक बल जड़वत् खड़ी सुनती रहे? नहीं न। कश्मीर में यही हो रहा है। बीते माह 18 अगस्त को श्रीनगर में इस्लाम के हरे […]

हिन्दी खड़ी बा़जार में

हिन्दी का पखवाड़ा आ गया है। हिन्दी के श्राद्घ के दिन आ गये हैं। यजमानों ने खीर, पूड़ी बनाना शुरू कर दिया है। शीघ्र ही सेमिनार, गोष्ठियों, वर्कशापों का दौर शुरू हो जाएगा और हिन्दी के पंडितों को जिमाने का सिलसिला शुरू हो जायेगा। यजमान पंडितों के साथ-साथ छुटभैयों, कौवों, गायों और श्र्वानों को भी […]

वाराणसी नाम, अर्थ और इतिहास

यौगिक संज्ञा-पद “वाराणसी’ सम्प्रति नगर का नाम है। इसका तद्भव रूप “बनारस’ जिले का नाम है। यह तत्समीकरण आधुनिक है। डॉ. सम्पूर्णानन्द के प्रयत्न से 24 मई, 1956 में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रेरणा के क्रम में यह तत्समीकरण हुआ था। पहले नगर का भी नाम “बनारस’ ही था। नगर, जनपद या राज्य के रूप में […]

नियम और ईश्वर

धर्म (नियम) के मुताबिक संसार में जो कुछ सार्थक हो रहा है, उसका नाम ही ईश्र्वर है। और जो कुछ नियम के खिलाफ हो रहा है वह संसार के विकास में बाधक है। वेद में कहा गया है, इस ब्रह्माण्ड में सारे ग्रह, नक्षत्र और जीवन नियम के मुताबिक चल रहे हैं। अनंत समय से […]

उपाय

शहर आकर रामपाल ने अपना काम अच्छा जमा लिया था, पर एक समस्या खड़ी हो गई। निकट के गांवों में उसके बहुत से सम्बन्धी रहते थे। एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए उन्हें शहर से गुजरना पड़ता था। अब आराम करने के लिए वे रामपाल के घर ठहरने लगे। कुछ तो तीन-चार दिन […]

घनश्याम अग्रवाल की कविता

आ़जादी की वर्षगांठ मनाने की तैयारियॉं चल रही हैं। अब इसमें कितना जोर और कितना शोर है, यह नहीं कहा जा सकता। कुछ कार्यालयों में तिरंगे फहराए जाएँगे। कहीं लाउड स्पीकर से वतन की पुकार के गीतों का शोर होगा, तो कहीं भाषण होंगे, लेकिन सही अर्थों में आ़जादी की उपलब्धियों एवं देश की मौजूदा […]

परदेश जाने की हकीकत

भारत विकासशील देशों की मैराथन दौड़ में शामिल है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। ब्रिटेन में मंदी का दौर चल रहा है। वहां के प्रोफेशनलों की नजर अब भारत पर टिकी है। एक आंकड़े के मुताबिक एशिया में भारत ही ऐसा देश है कि जहां से अपेक्षाकृत कम वेतन पर कुशल कामगार बुलाये […]

लक्ष्य से दूर होती शिक्षा

जब भारत पराधीनता की जंजीरों में जकड़ा था, तब ब्रिटिश राजनेता विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि किसी भी देश की सभ्यता-संस्कृति को नष्ट करना हो तो उस देश की शिक्षा प्रणाली बदल दो। ब्रिटिश सरकार ने इसी नीति पर चलते हुए भारत में दोहरी शिक्षा प्रणाली की परंपरा शुरू की और लॉर्ड मैकाले को […]

जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या

अगले महीने प्रारंभ होने वाले गणोशोत्सव को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन की ओर से जिस कार्यशाला का आयोजन किया गया, उसमें जिलाधीश नवीन मित्तल ने संबंधित समितियों से ऐसी गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करवाने को कहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों, जिसमें कच्ची मिट्टी, घासफूस, बॉंस की खपच्चियों तथा प्राकृतिक रंगों का उपयोग […]

फैसले के बाद भी शेष हैं कुछ सवाल

गर्भधारण के 23वें हफ्ते में मुंबई की निकेता मेहता को सोनोग्राम के जरिए मालूम हुआ कि उनके भ्रूण का पूरी तरह हार्ट ब्लॉकेज है और एक प्रमुख धमनी भी दोषपूर्ण है। अब उनके सामने दो रास्ते थे- एक अवैध रूप से गर्भपात करा लिया जाता क्योंकि कानूनन 20 हफ्ते के बाद गर्भपात कराना गैर-कानूनी है। […]

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