हाल ही के दिनों तक नई भाषा में कॅरिअर का अर्थ सिर्फ अध्यापन तक सीमित था। लेकिन अब तस्वीर बदल गयी है। ग्लोबलाइजेशन ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में ही नहीं, अनेक देशों में फैला दिया है। भारतीय कंपनियां भी विदेशों में संयुक्त वेंचर स्थापित कर रही हैं। इसलिए जो विदेशी भाषाओं में माहिर हैं, उनके लिए रोज़गार की नई राहें खुल गयी हैं। भारत में ही बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं, जैसे- एचपी, ओरेकल, हुंडई आदि जो भाषा विशेषज्ञों को नौकरी देना चाहती हैं। वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक जानकारी की मांग बढ़ती जा रही है ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम्युनिकेट किया जा सके। विदेशी भाषा में महारत विश्र्व अर्थव्यवस्था की जरूरत बन गयी है, क्योंकि टेक्नोलॉजी के जरिए विभिन्न संस्कृतियां आपस में मिल रही हैं। जिन विदेशी भाषाओं की ज्यादा मांग है, वह हैं फ्रेंच, जर्मन, जापानी, चीनी, स्पेनिश, कोरियन और अरबी।
विदेशी भाषा में शैक्षिक योग्यता होने पर पर्यटन और ट्रैवल, मनोरंजन, जनसंपर्क, मॉस कम्युनिकेशन, एयरलाइंस, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, प्रकाशन संस्थानों, बीपीओ आदि में कॅरिअर बनाया जा सकता है। विदेशी दूतावासों या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, जैसे यूएनओ या यूनिसेफ में भी आपको नौकरी मिल सकती है।
कहने का अर्थ यह है कि विदेशी भाषा जानने पर अलग-अलग किस्म के कॅरिअर आज के दौर में हासिल किए जा सकते हैं। ऑनलाइन कंटेंट राइटर, टेक्निकल ट्रांसलेटर या डिकोडर, दुभाषिये और अनुवादक के तौर पर भी अवसरों की भरमार है।
अगर आप एक या उससे अधिक विदेशी भाषा का ज्ञान रखते हैं तो आपकी जॉब संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। विदेशी भाषा को जानना आपकी प्रोफेशनल फाइल में वैल्यू एडीशन की तरह है। सोशल सर्विसेज, स्वास्थ्य और मेडिकल सेवाएं, व्यापार, यातायात, उद्योग, लीगल प्रोफेशनल आदि क्षेत्रों में भी एम्प्लायर्स विदेशी भाषा की जानकारी वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देते हैं।
भाषा विशेषज्ञ के लिए विदेशी भाषा में पूर्ण ट्रेनिंग अति आवश्यक भी है। उसे उस भाषा में अनुवाद, व्याख्या करना व पढ़ाना आना चाहिए। विशेषज्ञ उस भाषा के साहित्य, संस्कृति, इतिहास से सम्बंधित जानकारी के इस्तेमाल के बारे में अच्छी तरह से जानता हो। यह बातें भाषा की बुनियादी जानकारियों से अलग हैं लेकिन यह कम्युनिकेशन में जबरदस्त काम आती हैं।
बहरहाल, जिन मुख्य क्षेत्रों में विदेशी भाषा की जानकारी बहुत काम आ सकती है वह हैं अनुवाद, दुभाषिया, लिप्यांतरण और अध्यापन। अगर आप सामान्य अनुवादक के लिए जाना चाहते हैं तो आप में शानदार लिखने का कौशल और मजबूत कोशकार दोनों भाषाओं का होना चाहिए। कहने का अर्थ यह है कि दोनों भाषाओं पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए, जिससे अनुवाद किया जा रहा है और जिसमें अनुवाद किया जा रहा है। अनुवाद चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि हर भाषा में मुहावरे अलग होते हैं। सामान्य अनुवाद का अर्थ है किताबों, उपन्यासों, कागजातों, पटकथाओं आदि का विशिष्ट भाषा में अनुवाद करना। जिस विषय का अनुवाद किया जा रहा है, उसकी भी जानकारी अनुवादक को होनी चाहिए ताकि वह मूल ग्रंथ की शैली को बरकरार रख सके।
टेक्निकल अनुवाद में कांट्रैक्ट, रिपोर्ट व व्यापार के अन्य कागजातों का अनुवाद आता है। टेक्निकल पुस्तकों का अनुवाद भी दिलचस्प विकल्प है। दूसरी ओर इंटरप्रिटेशन या एक भाषा को दूसरी में व्यक्त करना जैसा कि दुभाषिए करते हैं, वह फौरन ही किया जाता है। इसलिए सम्बंधित भाषाओं का जबरदस्त ज्ञान होना चाहिए। दुभाषिए को करेंट अफेयर्स की अच्छी जानकारी होनी चाहिए और तकनीकी शब्दावली से भी परिचित होना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों या बैठकों में विशेषज्ञ दुभाषियों की आवश्यकता होती है, जो सम्बंधित विषय को गहराई से जानते हों।
लिप्यांतरण में डिजिटल ऑडियो रिकाड्र्स को टेक्स्ट के रूप में परिवर्तित किया जाता है। मेडिकल प्रोफेशनल कुशल मेडिकल लिप्यांतरकों पर निर्भर होते हैं। उनका काम बोले हुए शब्द को सही तौर पर लिखित में रिकॉर्ड करना होता है। मेडिकल शब्दावली और अमरीकी उच्चारण को जानना एक लिप्यांतरक के लिए आवश्यक है।
आप भाषा को पढ़ाने वाले यानी अध्यापक भी बन सकते हैं जोकि एक परंपरागत कॅरिअर है। बहुत से स्कूलों में विदेशी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, उनके लिए किताबें व एजुकेशन सीडी भी तैयार की जा सकती हैं, जो काम एक अनुभवी अध्यापक से लिया जाता है। एक अध्यापक को कितनी तनख्वाह मिलनी है, यह इस पर निर्भर करता है कि उसका अनुभव कितना है।
विदेशी भाषा जानने के बाद आप फ्रीलांसर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। आपको अनुवाद ब्यूरो, शोध संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे यूएनओ, एफएओ, विदेशी कंपनियों, भारतीय रिजर्व बैंक, प्रकाशन संस्थानों आदि से काम मिल सकता है।
बहरहाल, विदेशी भाषा में कॅरिअर बनाने पर आपकी आय इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस किस्म का और किस जगह काम कर रहे हैं। मसलन, अध्यापन में 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मिल सकता है। अनुवादक के रूप में 100 से 150 रुपये प्रतिपृष्ठ का मेहनताना मिलता है, दुभाषिया प्रतिघंटा 300 से 500 रुपये पाता है। एक अच्छा दुभाषिया 4 हजार रुपये प्रतिघंटा भी पा सकता है। जो लोग दूतावासों में काम कर रहे हैं, उन्हें 10 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। देश की राजधानी दिल्ली विदेशी भाषाओं के अध्ययन का गढ़ है। पेश हैं यहां के कुछ प्रमुख संस्थानों के नाम-
* एलायंस फ्रेंकेज़ डी डेहली, 72, लोधी एस्टेट, नई दिल्ली-110003
वेबसाइट : www.afdelhi.org
* भारतीय विद्या भवन, जवाहरलाल नेहरू एकेडमी ऑफ लैंगुएजेज, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली 110 001
वेबसाइट : www.bvdelhi.org
* ब्रिटिश काउंसिल, टीचिंग सेंटर, 17, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली 110 001
ई-मेल : [email protected]
* मैक्समुलर भवन, गोएथ इंस्टीट्यूट ऑफ न्यू डेहली, मैक्समुलर भवन, 3 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली 110 001
वेबसाइट : www.goethe.de
* जामिया मिलिया इस्लामिया, फैकल्टी ऑफ ह्यूमिनिटीज एंड लैंगुएजेज, जामिया नगर, नई दिल्ली 110 025
वेबसाइट : www.jmi.nic.in
* नई दिल्ली वाईएमसीए, जयसिंह रोड, नई दिल्ली 110001
वेबसाइट : www.newdelhiymca.org
* दिल्ली यूनिवर्सिटी, नार्थ कैम्पस, दिल्ली 110 007
वेबसाइट : www.du.ac.in
* जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली 110 067
* इंस्टीट्यूट ऑफ रशियन लैंग्वेज, रशियन सेंटर ऑफ साइंस एंड कल्चर, 24, फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली 110001
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