आज से पॉंच-सात साल पहले प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान डॉ. रफीक जकारिया ने बड़ी साफगोई से यह कहा था कि हर मुसलमान आतंकवादी नहीं है, लेकिन हम इससे भी इन्कार नहीं कर सकते कि हर आतंकवादी मुसलमान है। दरअसल एक पूरी की पूरी कौम कुछ सिरफिरे आतंकी संगठनों की जेहाद की नई परिभाषा और इसकी अमानवीय […]
यदि हम मानव स्वभाव में ताप वृद्धि को लोकतांत्रिक जीवन पद्धति की असफलता के साथ जोड़कर देखना चाहें तो सम्पूर्ण विश्र्व में लोकतांत्रिक जीवन पद्धति भी संकट में है और लोकतांत्रिक शासन पद्धति भी। क्योंकि सम्पूर्ण विश्र्व के मानव स्वभाव में लगातार ताप वृद्धि हो रही है। यदि हम पिछले पचास वर्षों का आकलन करें […]
नीहारिका ने पीछे मुड़कर देखा तो उसे पता नहीं क्यों ऐसा लगा कि दो आंखें उसेे लगातार घूर रही हैं। उसे ऐसा ही आभास बस-स्टॉप पर भी हुआ था। लेकिन उसने इसे एक भ्रम समझा था। बस में चढ़ने के बाद जब वह इत्मीनान से अपनी सीट पर बैठ गई और मुड़कर पीछे देखा तो […]
देश में लिंग अनुपात को संतुलित बनाने के तमाम प्रयासों और दावों को धत्ता बताते हुए, इंटरनेट पर विदेशी एजेंसियों के लिंग निर्धारण संबंधी सेवाएं और सामग्री उपलब्ध कराने वाले विज्ञापन अपनी सफलता की कहानी खुद कह रहे हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी के इस दौर में इंटरनेट ने जहां पूरी दुनिया को बहुत छोटा कर […]