आलोचना से आज तक कोई नहीं बचा है, चाहे वह खामोशी से की जाए या चिल्लाकर। आप चाहे जितनी तोप चीज क्यों न हों, आलोचना हर किसी के साथ चस्पां हो जाती है। अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उसे कितना ग्रेसफुली हैंडल करके अपने को शांत बनाए रखते हैं। भूल स्वीकारें […]
बहुत जल्द ही पारंपरिक जांच-परख के तौर-तरीके बदलने वाले हैं, खासतौर पर गंभीर बीमारियों के संबंध में। दरअसल, मौजूदा चिकित्सा पद्धति चाहे वह जिस तौर-तरीके पर आधारित हो, आमतौर पर बीमारियों का अनुमान ही लगाती है और फिर उस अनुमान के आधार पर इलाज होता है। जब अनुमान सही साबित हो जाता है तो चिकित्सा […]
अगर आपको भाषाओं से प्रेम है, तो आप उनके ज़रिए कॅरिअर भी बना सकते हैं। नई भाषा सीखना अब सिर्फ हॉबी मात्र नहीं रह गया है बल्कि इससे जीविका भी चलायी जा सकती है। इसलिए अगर आप की नई-नई भाषाओं में दिलचस्पी है और आप इन्हें सीख भी सकते हैं तो इनसे अच्छा कॅरिअर विकसित कीजिए।
हाल ही के दिनों तक नई भाषा में कॅरिअर का अर्थ सिर्फ अध्यापन तक सीमित था। लेकिन अब तस्वीर बदल गयी है। ग्लोबलाइजेशन ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में ही नहीं, अनेक देशों में फैला दिया है। भारतीय कंपनियां भी विदेशों में संयुक्त वेंचर स्थापित कर रही हैं। इसलिए जो विदेशी भाषाओं में माहिर हैं, […]
खेती लायक भूमि में लगातार हो रही कमी, बढ़ती आबादी और गहराता खाद्य संकट, इन सब बातों को देखते हुए आने वाले दिनों में सी-फूड्स पर पूरी दुनिया की खाद्य निर्भरता काफी ज्यादा होगी। यही कारण है कि अक्वाकल्चर पर अब गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। भारत की समुद्री सीमा 7500 किलोमीटर लंबी है यानी भारत में इतना विशाल समुद्रतट है। इसलिए भी अक्वाकल्चर का हमारे देश में भविष्य बहुत अच्छा है।
अक्वाकल्चर में अक्वा शब्द अरबी भाषा से लिया गया है जिसका मतलब है पानी। अक्वाकल्चर में दरअसल तमाम पानी के विशेष रूप से समुद्री जीवों जैसे- मछली, समुद्री केकड़ा, समुद्री सांप, सामान्य केकड़े और इसी तरह के दूसरे पानी के जीव-जंतुओं का अध्ययन किया जाता है। यह अध्ययन इन पानी के जीवों की देखरेख और […]