“प्रोटीन’ हमारे भोजन का बहुत जरूरी अंग है। यह एक ऐसा तत्व है, जो हमारी हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा तथा कुछ अन्य अंगों की रक्षा करता है। उचित मात्रा में सेवन किया गया प्रोटीन इन अंगों को न सिर्फ रक्षा व स्वस्थता प्रदान करता है बल्कि इन्हें निर्मित भी करता है। प जानकर चकित होंगे कि […]
आपने ओलंपिक में धावकों के कसरती बदन देखा होगा। अगर आप भी एक ओलम्पियन जैसा जिस्म चाहते हैं तो सबसे पहले यह जाने कि आपका शरीर किस किस्म का है। विभिन्न किस्म के जिस्म होते ही इसलिए हैं कि अलग-अलग प्रकार की गतिविधियों में महारत हासिल करें। एक बड़ी वजह जो माइकल फेल्प्स 8 स्वर्णपदक […]
समय के साथ हर तरफ तब्दीलियां आई हैं तो पर्यटन के रंग और अर्थ में भला कैसे नहीं आतीं। विभिन्न क्षेत्रों में हुए व्यापक बदलाव, संसाधनों एवं सुविधाओं के विकास ने पर्यटन के भी कई रूप सामने लाए हैं। पर्यटन का मतलब अब सिर्फ घूमना-फिरना या उस जगह की जानकारी हासिल करना ही नहीं रह […]
क्या आप खुश हैं? यह एक टेढ़ा सवाल है। हर किसी के खुश होने के पैमाने अलग होते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आज के इंटरनेट युग में भी जब खुशी के खिलाफ चौतरफा मोर्चे खुले हुए हैं तब भी खुश होना संभव है। लेकिन इसमें एक पेंच है- अगर आप खुश होना […]
अक्सर स्वास्थ्य सम्बंधी फर्क इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खाते हैं, बल्कि इस बात पर निर्भर होता है कि आप कैसे खाते हैं। मसलन, कहा जाता है कि आलू और ब्रेड से कैलरी बढ़ जाती है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर होता है कि आप इन चीजों को खाते कैसे […]
समाज में यौन–क्रिया की भूमिका शायद तभी से चली आ रही है जब से जीव–जगत का प्रारंभ और विकास शुरु हुआ। जगत में भोजन, पानी की तरह नैसर्गिक आवश्यकता सेक्स–क्रिया मात्र मानव में ही नहीं बल्कि पशु–पक्षी या कहें प्रायः सभी जीव–जंतुओं में पाई जाती है। फर्क मात्र इतना है कि मानव अन्य जीवों की […]
लैपी यानी लैपटॉप। युवाओं ने लैपटॉप को यही निक नाम दे रखा है और यह उनका तेजी से पसंदीदा गैजेट बनता जा रहा है। एक जमाना था, जब दफ्तरों में डेस्कटॉप ही गिने-चुने हुआ करते थे मगर अब जमाना बिल्कुल बदल चुका है। डेस्कटॉप अब बीते दिनों की या कहें आउट ऑफ फैशन की चीज […]
आज के युग में पुरुष भी अपने व्यक्तित्व के प्रति उतने ही सचेत हैं, जितनी कि पढ़ी-लिखी युवतियां। पुराने समय में पुरुषों के व्यक्तित्व में कद-काठी, खानदान, कामकाज और शिक्षा को ही आवश्यक माना जाता था, परन्तु अब व्यक्तित्व के मानदंड बदल चुके हैं। व्यक्तित्व संवारने में बहुत से ढंग भी ढूंढे जा चुके हैं। […]
खाना हम पेट भरने के लिए खाते हैं, लेकिन हमेशा सिर्फ पेट के लिए ही नहीं खाना चाहिए। कभी कुछ आत्मा के लिए भी खाना चाहिए। अपनी रसोई में ऐसा मेन्यू बनायें, जो पेट के साथ-साथ आत्मा का भी भोजन हो। मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि खाने में सिर्फ पेट भरना जरूरी नहीं होता। पेट […]
डायबिटीज से डिप्रेशन हो सकता है और डिप्रेशन से डायबिटीज। इसलिए जो लोग डिप्रेशन का शिकार हैं, उन्हें अन्य लोगों की तुलना में डायबिटीज का खतरा अधिक है। लेकिन डायबिटीज का अर्थ यह नहीं है कि आप अपने आपको बिन स्वाद व नीरस फूड्स तक सीमित रखें। अब आप इस तरह जायकेदार फूड्स तैयार करके […]