उत्तर-भारत में गंगा के तट पर स्थित तीर्थों में शुक्रातीर्थ को “तीर्थ सम्राट’ कहा जाता है। हस्तिनापुर, विदुर कुटी (बिजनौर) के समान ही शुक्रातीर्थ (मुजफ्फर नगर) उन तीर्थों में है, जिसे श्रीकृष्ण ने अपने पावन चरणों से पवित्र किया। शुक्रातीर्थ पर असंख्य ऋषि-मुनियों की उपस्थिति में वटवृक्ष के नीचे बैठकर व्यास नंदन महर्षि शुकदेव जी […]
हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में नारनौल शहर के पश्र्चिम में आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ढोसी। प्राचीन समय में यहॉं सघन वन था। ढोसी की पहाड़ी हरियाणा में सबसे ऊँची पहाड़ियों में से एक है। आज यहॉं घने वन नहीं रहे, किन्तु इसके धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए पहाड़ी की चोटी […]
दक्षिण अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े देश अर्जेंटीना की राजधानी ब्युनेस आयर्स एक जबरदस्त शहर है। अपने फैशन, उन्मुक्त संस्कृति, कला, खान-पान और लाइफस्टाइल के कारण यह शहर पूरी दुनिया के उन लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, जो मौज-मस्ती और उन्मुक्त जीवन के दीवाने होते हैं। ब्युनेस आयर्स किसी भी प्रगतिशील यूरोपीय महानगर के […]
तंत्र सिद्घि का महाकुंभ कामरूप कामाख्या आदि-अनादि काल से भारतीय इतिहास में सौंदर्य एवं भक्ति का सार्थक समन्वय सुस्पष्ट रूप से प्रस्फुटित होता चला आ रहा है और भारतीय धर्म एवं संस्कृति की भक्ति-भावना का मूल उत्साह सच्चिदानंद के अरूप सौंदर्य को मूर्त रूप देने के प्रयासों में निहित है। इसलिए प्रायः सभी तीर्थ-स्थान नैसर्गिक […]
“उत्तरी भारत के सोमनाथ’ के नाम से विख्यात भोजपुर के प्रसिद्घ शिव मंदिर में जहॉं भारत का सबसे विशाल शिवलिंग प्रतिष्ठित है, वहीं यह परमार वंश के इतिहास प्रसिद्घ प्रतापी शासक राजा भोज के वास्तुकला प्रेम का एक अद्वितीय नमूना भी है, इसीलिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 29 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित यह शिव […]
समय के साथ हर तरफ तब्दीलियां आई हैं तो पर्यटन के रंग और अर्थ में भला कैसे नहीं आतीं। विभिन्न क्षेत्रों में हुए व्यापक बदलाव, संसाधनों एवं सुविधाओं के विकास ने पर्यटन के भी कई रूप सामने लाए हैं। पर्यटन का मतलब अब सिर्फ घूमना-फिरना या उस जगह की जानकारी हासिल करना ही नहीं रह […]
थार के आंचल में बसी जैसलमेर नगरी पीले पत्थरों की कलात्मक गढ़ाई व नक्काशी कला के लिए समूचे विश्र्व में “स्वर्णनगरी’ के नाम से विख्यात है, जिसे दुनिया के कोने-कोने से देखने के लिए वर्षभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इस ऐतिहासिक स्वर्णनगरी को भाटी राजा राव जैसल ने वि. सं. 1212 में किले […]
तमिलनाडु में स्थित कांचीपुरम मोक्षदायिनी सप्तपुरियों में से एक है। इन सात पुरियों में साढ़े तीन पुरियां विष्णु कीं और इतनी ही शिवजी की हैं। कांची आधी विष्णु की और आधी शिव की है। सप्त कांची के दो भाग हैं- शिवकांची तथा विष्णुकांची। कांचीपुरम को दक्षिण भारत की काशी कहा जाता है। कांचीपुरम इक्यावन शक्तिपीठों […]
चारों ओर फैली हुई हरियाली, अपरिमित सघन वन-राशि एवं स्वच्छ दूधिया जल, गहरी नीलिमा के साथ निर्मलता का अहसास कराती पुण्यमयी पवित्र सलिला भागीरथी गंगा तथा उसके चारों ओर फैली हुई अलौकिक सुषमा पुंज से आच्छादित शिवालिक पर्वत श्रेणियां सुरम्य वातावरण की सृष्टि कर पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकृष्ट करती हैं। यहीं स्थित है […]
मध्य-प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में नर्मदा (रेवा) नदी के किनारे बसी हुई एक छोटी-सी नगरी धरमपुरी है, जो सड़क-मार्ग द्वारा इंदौर से जुड़ी हुई है। यह नगरी मुंबई-आगरा राजमार्ग पर इंदौर से मुंबई की ओर जाते हुए खलघाट नामक स्थान से मात्र ग्यारह किलोमीटर पश्र्चिम की ओर स्थित है। इंदौर से इसकी कुल दूरी पचानवे […]