ऐरा मिनधारी हावै जारी ममता न डोले समजी व्यामे सासा है ना ही सेन भगत घर संत पधारीया हस मिल्या दोनों नर नारी पाव धोय चरनामृत लीनों हिरदा में हेत हूया भारी केवे सेनजी सुनो स्त्री करो रसोई म्हारला हरताई थे तो यानी सेवा में रही जो में जावु राजा वाई केवे स्त्री सुनो मारा […]
(टेर) हरदम पिया के प्रित रस बिन म्हारी मन भटके अली आसाढ़ के मास विरह सुन बादल गहरा है चम चम चमके बिज विकल पिव के बिन हैरा है खबर बिन धीरज नहीं आवे तन मन बदन बैहाल विपत में नहीं कोई कछु भावे कहोनी मिलदा त्रृण अटके सखी सावण के मास सोक में सुंदर […]
सून में शहर शहर में बस्ती कून सूता कून जागे है ब्रह्म हमारा हम है ब्रह्म के तन सूता चैतन जाग है जल बिच कमल कमल बीच कलीया भवर वासना लेता है नव दरवाजा फैरी फिरता अलक अलक ही करता है अदर अणी पर आसन किन्हा तपस्वी तपस्या करता है पाँचों चैला सनभूख भेला निगुण […]
द्वारकार नाथ झुला झुले है झुलन में छायो है आनन्द आज पौकरण नगर में कुकुरा पगलिया माडिया दुध भरीयो धर ने लियो है अवतार धणिया आज मरुधर में भादवा री बरखा, मोर नाचे वन में कोयलीया किलोर करे, आज उपवन में मे नादे झुलावे ताने प्यारा लिया मन में बटे है बदाई आज सारा ही […]
सुनी द्वारका सु कृष्ण पधारीया रे भलो कियो तंवरा को अजमलजी री आशा पूरी मैटीयों काल रो धागे ध्वजा बन्द चाकर हू चरण को इस री भुल गती राको अन्नदात नौकर हू धणीया को बदमत तनों वालों बगसायो साथ थारी थो माको डुबत जाहाज बोहता री थारी पकड लियो थे नाकों मोठा मोठा गढ़ जितीयारे […]