पिछले साठ वर्षों से असम में हर साल बाढ़ का तांडव होता रहा है। 1950 में हुए भयंकर भूकंप की वजह से ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदियों के स्वरूप में परिवर्तन आ गया और उसके बाद हर साल बाद तबाही मचने लगी। इस तबाही की रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से इतने सालों में […]
हमने 29 जुलाई को ‘मिलाप’ के संपादकीय में इस बात का उल्लेख किया था कि यह सोचना-कहना गलत होगा कि एक अरब से ऊपर की जनसंख्या वाला भारत आतंकवादी हौसले के सामने बेबस, निरीह और कमजोर हो गया है। हमने यह भी कहा था कि कमजोरी देश में नहीं विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा संचालित हो […]
परमाणु ऊर्जा करार का दो वर्ष तक संसद में और संसद के बाहर तीव्र विरोध करने पर भी समाजवादी पार्टी अचानक उसकी हिमायती बन गई। अलबत्ता उससे पहले उसने भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नारायणन और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से सलाह ले ली थी। परन्तु कई राजनीतिक टिप्पणीकार कहते हैं कि एक ओर […]
शहर के 90 वर्ष पुराने उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण के अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली ने ऐतिहासिक ‘चारमीनार’ के जीर्ण-शीर्ण होने पर उसे भी गिरा देने संबंधी बयान देकर विवादों में घिर गए हैं। विपक्ष उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण के कदम का विरोध कर रहा […]
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में अब तक कामकाज करीब..करीब ठप रहने के बावजूद सरकार को उम्मीद है कि कल सर्वदलीय बैठक में गतिरोध सुलझ जाएगा ताकि विवपक्ष के उठाए मुद्दों पर चर्चा के लिए मार्ग प्रशस्त हो सके । नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी […]
मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को मौत की सजा के मुद्दे पर उस वक्त विवाद पैदा हो गया जब लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि याकूब को उसके धर्म की वजह से फांसी दी जा रही है । ओवैसी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए […]
वेश्यावृत्ति दुनिया का सबसे प्राचीन व्यवसाय है। विश्र्व में भारत, चीन व मिस्र की सबसे प्राचीन माने जानी वाली संस्कृतियों में भी इसको सामाजिक मान्यता प्राप्त थी। जातक कथाओं में भी काली, सामा व सुलसा गणिकाओं का वर्णन है। ये इस पेशे के जरिये पॉंच सौ कार्षापण रोज कमाती थीं। महावग्ग में सालवती व आम्रपाली […]
वह नैतिक पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता था, बेऔलाद। नैतिक पार्टी के प्रति समर्पित था, सो पार्टी द्वारा उसका यथोचित दोहन भी किया जा रहा था। आए दिन पार्टी को किसी न किसी खर्चे की आवश्यकता पड़ती तो उसे बुलाया जाता, उत्साहित किया जाता, उसकी भागीदारी सुनिश्र्चित की जाती, बदले में उसकी गांठ ढीली हो ही जाती। […]
21 वर्ष से कम किन्तु 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवक-युवतियों से यदि पूछा जाए कि आपका पसंदीदा आदर्श युवा कौन है, तो जवाब में शायद ही किसी नेता का जिा होगा। इसमें मौजूदा युवा पीढ़ी का दोष नहीं। दोषी नेतागण हैं क्योंकि उनकी साफ-सुथरी छवि अब अपवाद बनती जा रही है। कभी जरूर […]
विकलांग अब अक्षमता का पर्याय नहीं रहे। वे तमाम चुनौतियां स्वीकारते हुए अपनी दक्षता साबित कर रहे हैं। लेकिन दक्षता-कौशल के ज्यादातर प्रयास या तो वैयक्तिक हैं या इनकी महत्ता विकलांग दिवस जैसे अवसरों पर समाचार बना लेने के बाद उनका प्रकाशन व प्रसारण कर देने तक निहित है। जबकि इनकी क्षमताओं का संस्थागत इस्तेमाल […]