बलदेव ने दसवीं तो पास कर ली, परंतु उसमें अब आगे की पढ़ाई करने का सामर्थ्य नहीं था। नौकरी मिलने की संभावना भी नहीं थी। नौकरी के लिए काफी दौड़-धूप भी की, कई साक्षात्कार दिये, परंतु हर बार निराशा का ही मुंह देखना पड़ा। बलदेव को नौकरी मिलती भी तो कैसे? न तो उसका कोई […]
मैं बेटी के साथ घर पहुँचा तो देखा कि गेट पर निमंत्रण-पत्र पड़ा था। मेरी बेटी किसी भी तरह के समारोहों में जाने के लिए हमेशा तैयार रहती है। निमंत्रण-पत्र देखते ही वह उछल पड़ी, पापा कार्ड आया है। ट्वेंटी फोर आवर्स हेल्पलाइन का 26 जनवरी को उद्घाटन है। 11 बजे ब्रंच और 9 बजे […]
धरती पर उतरा स्वर्ग, इसी के बीचोंबीच बलखाती-इठलाती जेहलम पर काशी पंडित के पुश्तैनी अग्निग्रस्त भवन के चतुर्दिक बिखरे मलबे का अम्बार, काल के कपोल पर एक विकृत धब्बे के समान, इसी बात की गवाही दे रहा था कि यह इमारत, विशेष रूप से अपने समय में अत्यन्त भव्य एवं बुलन्द रही होगी। लगता था […]
मैं अपनी पत्नी के तानों और रोजाना होने वाली किचकिच से बहुत परेशान था। यह सब पुरानी महरी के काम छोड़ देने और उसकी जगह कोई दूसरी महरी न मिलने की वजह से था। मैंने महरी के लिए अपने मित्रों और परिचितों से कह रखा था। खुद भी काफी कोशिश की। मुंहमांगा मेहनताना देने के […]