यदि आपने लोकसभा में हुई विश्र्वास-प्रस्ताव की बहस को देखा (सुनने का तो मौका ही कहॉं दिया था हमारे सांसदों ने!) है, तो शायद कांग्रेस के युवराज सांसद राहुल गांधी को भी एक अच्छा-सा भाषण करते देखा होगा। जिन कुछ सांसदों को श्रोता ढंग से सुन पाये, संयोग से उनमें राहुल गांधी भी एक हैं। […]
हाल के दिनों में पड़ोसी देशों-नेपाल, पाकिस्तान और भूटान में लोकतंत्र का सूर्योदय होना हमारे लिए सुखद अनुभूति थी। अन्य पड़ोसी देशों-चीन, बांग्लादेश, मालदीव और म्यांमार में लोकतंत्र का सूर्योदय कब होगा? यह विचारणीय प्रश्न काफी महत्वपूर्ण है। खासकर म्यांमार में जिस तरह से सैनिक सरकार हिंसा के सहारे लोकतंत्र बहाली आंदोलन को कुचल रही […]
लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी पार्टी माकपा उनके अस्सीवें जन्मदिन पर इतना नायाब तोहफा उनके हु़जूर में पेश करेगी। लेकिन हुआ ऐसा ही है। 25 जुलाई को उनका जन्मदिन था और इसके ठीक दो दिन पहले यानी कि 23 जुलाई को महासचिव प्रकाश करात की उपस्थिति में माकपा से […]
टीवी पर आजकल रियलिटी शो़ज की भरमार है, इनमें बहुत से कार्यक्रम बच्चों की प्रतिभा को निखारने के नाम पर आयोजित होते हैं। छोटे बच्चों के गायन व डांस के अनेक कार्याम टीवी के विभिन्न चैनलों पर देखने को मिलते हैं। ऐसे कार्यक्रमों में कई राउण्ड होते हैं व कुछ जजों की एक टीम होती […]
धर्म सत्य पर आधारित है। “धर्मः सः न यत्र सत्यम् नास्ति’। जहॉं सच्चाई नहीं है, वहॉं धर्म नहीं है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो धर्म में प्रतिष्ठित हैं, वे सर्वज्ञ बन जाते हैं। सब कुछ उनको मालूम हो जाता है। उन्हें पढ़ने, लिखने, सीखने की जरूरत नहीं पड़ती। सत्य में प्रतिष्ठित होना सबके […]
चिंतन खिड़की पर हाथ धरे चुपचाप व गुमसुम-सा बैठा है। किचन से मम्मी के काम करने की आवाजें आ रही हैं। सामने स्कूल-बैग पड़ा है। उसने उदास होकर बाहर की ओर देखा। पड़ोस के छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे हैं। कितनी बेफिाी है, उनके चेहरों पर। चिंतन सोच में पड़ जाता है कि ये बच्चे “होमवर्क’ […]
कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सेन पर महाभियोग चलाने की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश से स्पष्ट हो जाता है कि हमारी उच्च न्यायपालिका अपने सम्मान और कीर्ति की रक्षा करने में विफल रही है। सौमित्र सेन पर आरोप है कि उन्होंने, जब वह वकील थे रिसीवर के रूप में 1993 और 1995 […]
गोधरा कांड की जॉंच करने वाले नानावटी-शाह आयोग ने जो रिपोर्ट गुजरात सरकार को प्रेषित की है, उसमें साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस 6 और 7 में लगी आग को कोई हादसा न मानकर एक साजिशी कार्रवाई स्वीकार किया गया है। रिपोर्ट के अऩुसार आग बाहर से लगाई गई थी और इस घटना को अंजाम […]
नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के न्यूज लेटर का अंक मेरे सामने है, जिसमें “नेशनल कमीशन फॉर एन्टरप्राइजिस इन दि अनओर्गनाइज्ड सेक्टर’ की एक रिपोर्ट के आधार पर बताया गया है कि देश के जो श्रमिक केवल अल्प शिक्षित रह गए हैं उनको अच्छे रोजगार नहीं मिल पाते। रिपोर्ट के अनुसार असंगठित क्षेत्र […]
आग से खेलना हमेशा खतरनाक होता है। क्योंकि आग कभी भी किसी का निर्देश नहीं मानती। आतंकवाद भी किसी आग से कम नहीं है। यह जहरबुझी एक ऐसी दोधारी तलवार है जिसे माहिर से माहिर तलवारबाज दूसरे पर भांजते-भांजते कब अपने को घायल कर ले कोई नहीं जानता? पाकिस्तान के साथ यही हो रहा है। […]