अपने अस्तित्व से लड़खड़ाता भारत जहॉं एक ओर स्वर्गिक मौज-मस्ती और बेलौसपन देखकर स्तब्ध है, वहीं दूसरी ओर हजारों बंदिशों और बेबसी से उपजे मौन और मौत की हृदय विदारक दास्तान भी बयां कर रहा है। लोकतंत्र के चौराहे पर खड़ी अनेक असहनीय कष्टों से जूझती एवं मुसीबतें ढोकर भी जीने को विवश परेशान हाल […]
अकिंचनता का अर्थ है- मैं कुछ हूँ, इस दर्पभाव का क्षय। भेदों से किंचनत्व की उत्पत्ति होती है, क्योंकि मद अथवा मोह अज्ञान-परिणति के नाम हैं। यद्यपि आत्मा संसार के क्षयिष्णु पदार्थों से पृथक तथा भिन्न है, परन्तु मोहवश वह परिग्रहों के साथ अनुबिद्घ होकर पदार्थ पर ममत्व करने लगती है तब उसमें किंचनत्व (मान, […]
विश्र्वास-मत हासिल करने की बात रही हो अथवा अविश्र्वास प्रस्ताव, संसदीय परंपरा यही रही है कि संपन्न हुई बहस का जवाब अंत में प्रधानमंत्री द्वारा दिया जाता है और उसके बाद मतदान होता है। लेकिन विश्वास मत पर आहूत किये गये 21-22 जुलाई के विशेष सत्र के दौरान विपक्ष ने उनको इस संवैधानिक अधिकार से […]
हमारी राष्टपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने कृषकों और महिलाओं के विकास के लिए उपयोगी जो महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं उनमें एक प्रमुख उपाय यह है कि कृषि अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्र्वविद्यालयों में शोध द्वारा खोजी जाने वाली खेती की नई तकनीकें ग्रामों के कृषकों को सिखाई जाएं, उनका ज्ञान और कौशल इस कदर विकसित […]
ऐसा लगता है कि केन्द्र की संप्रग सरकार को अपने आपको अनावश्यक विवादों में उलझाना ही पसंद है। अभी-अभी उसने न्यूक डील के मुद्दे पर येन-केन-प्रकारेण विश्र्वास मत हासिल कर राहत की सांस ली है कि उसने फिर एक नये विवाद के केन्द्र में स्वयं को खड़ा कर दिया है। उसे यह ब़खूबी पता है […]
जीटीवी पर प्रसारित होने वाले तथा नृत्य पर आधारित शो “एक से बढ़ कर एक’ में जज की कुर्सी पर विराजमान अहमद खान का मानना है कि रियाल्टी शोज में प्रांत के आधार पर वोट मांगना गलत है। ऐसा करने से प्रांतवाद को बढ़ावा मिलता है। ऐसे शोज में प्रतियोगियों द्वारा वोट मांगने के बारे […]
नाम से बेशक आप उनके किसी विदेशी अभिनेत्री होने का धोखा खा सकते हैं, पर बच्चों के चैनल हंगामा पर बालाजी के धारावाहिक कृतिका में मुख्य भूमिका कर चुकी और कुसुम के बाद कसौटी में स्नेहा की लोकप्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ स्टार प्लस पर फॉक्स स्टूडियो के दूसरे शो संगम में नायिका गंगा की […]
कुछ लोग एक-एक सीढ़ी चढ़ कर आगे बढ़ना चाहते हैं और कुछ लोग एक ही झटके में मंजिल पर पहुँचने का सपना देखते हैं। यदि हम कुछ अपवादों को छोड़ दें तो देखेंगे कि एक दम शिखर पर चढ़ने वालों को वापस ़जमीन पर पहुँचने में भी देर नहीं लगती और कदम के साथ ताल […]
एनडीटीवी इमैजिन पर प्रसारित होने वाले कार्याम “जुनून : कुछ कर दिखने का’ में लोकगीत, सूफी व बॉलीवुड गीतों का मुकाबला चल रहा है। अब इस अनूठे कार्याम से गुडविल एम्बेसडर के रूप में रितिक रोशन जुड़ गए हैं। वे न एंकर हैं, न जज और न ही प्रतियोगी। वे सिर्फ प्रतियोगियों का हौंसला बढ़ाएंगे।
अब वह समय नहीं रहा जब कल्पना का परिचय देने के लिए यह बताया जाये कि वह भोजपुरी की स्वर कोकिला है। भोजपुरी सहित देश की 22 भाषाओं में लगभग 5000 गाने गा चुकी है, कल्पना। अब तो उसे सारा देश जानने लगा है क्योंकि वह अब देश के विभिन्न चैनलों पर दिखाई दे रही […]